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जैसलमेर

corona ke karmvir: भय पर भारी जज्बा, आपदा में बने ये बन रहे देवदूत

-दहशत के माहौल के बीच कर रहे दायित्वों का निर्वहन

जैसलमेरApr 07, 2020 / 07:56 pm

Deepak Vyas

corona ke karmvir: भय पर भारी जज्बा, आपदा में बने ये बन रहे देवदूत

corona ke karmvir: भय पर भारी जज्बा, आपदा में बने ये बन रहे देवदूत

पोकरण. कोरोना वायरस संक्रमण की समस्या विश्वव्यापी हो चुकी है। हर किसी में कोरोना वायरस को लेकर भय व दहशत का माहौल है। पोकरण में भी आठ संक्रमित पाए जाने के बाद स्थानीय लोग बाहर कदम रखने से पहले कई बार सोच रहे हैं। ऐसे माहौल के बीच ऐसे लोग भी है, जो नि: स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में जुटे हुए है। दिन में खाने का पता, न रात को सोने का। जब भी फोन आता है, उठकर जिम्मेदारी निभाने को रवाना हो जाते हैं। पोकरण के चिकित्सक डॉ. अरुण शर्मा गत 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के दिन से सेवा कार्य में लगे हुए है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देशभर में गत 22 मार्च से लॉकडाउन किया गया है। इसके अलावा पोकरण में कोरोना वायरस के आठ पॉजिटिव पाए जाने के बाद हालात कफ्र्यू के हो चुके है।

स्क्रीनिंग से लेकर जांच व जोधपुर भिजवाने का जिम्मा
पोकरण निवासी डॉ. अरुण शर्मा स्थानीय राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत है। वे गत 22 मार्च से कोरोना वायरस की जंग में अपना सहयोग दे रहे है। चाहे किसी व्यक्ति के घर जाकर जांच करनी हो या किसी को क्वारेंटाइन में शिफ्ट करना हो…। कोरोना से संबंधित चिकित्सा कार्य का जिम्मा उनके ही सिर है। इसके अलावा दो दिनों में पोकरण में मिले आठ पॉजिटिव मरीजों को जोधपुर भिजवाने तक के कार्य में उनका ही विशेष सहयोग रहा।

न भोजन का समय, न नींद का
डॉ.शर्मा ने बताया कि वे सुबह छह बजे उठते है। इसके बाद जहां से भी फोन आता है, सामान उठाकर रवाना हो जाते है। यदि किसी मरीज के घर से फोन आता है तो वहां घर पर जांच के लिए जाते है। इसके अलावा चिकित्सा विभाग के निर्देशानुसार वार्डों में स्क्रीनिंग करने, लोगों की स्वास्थ्य जांच करने, बाहर से आए लोगों को क्वारेंटाइन व आइसोलेटेड करने, उनके नमूने लेकर जांच के लिए भिजवाने का कार्य उन्हीं के सिर है। इसके अलावा गत दिनों बाहरी राज्यों के मजदूरों का पोकरण व रामदेवरा में डेरा लगा। उनकी भी स्वास्थ्य जांच व स्क्रीनिंग उनकी ओर से ही की गई। कार्य के दौरान न तो भोजन का समय मिलता है, न ही रात को नींद का। रात में भी कई बार फोन आता है, तो वे अपने कर्तव्य के लिए उठकर रवाना हो जाते है।

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