हरिणों को सर्वाधिक खतरा
पिछले कुछ वर्षों से लाठी-धोलिया क्षेत्र में श्वानों का स्वच्छंद विचरण बढ़ रहा है। उनकी संख्या दिनों दिन बढती जा रही है। इनसे सर्वाधिक खतरा हरिणों को है। क्षेत्र में गत तीन वर्षों में लगभग 500 के करीब हरिण इनके ग्रास बन चुके हैं। क्षेत्र में गोडावण भी काफी तादाद में है। उन पर भी आवारा श्वान हमला करते हुए कई बार देखें गए हैं। वन विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए,अन्यथा आने वाले समय में हिरण व गोडावण की संख्या ना के बराबर हो जाएगी।
-राधेश्याम पेमाणी, अखिल भारतीय बिश्नोई सभा के तहसील संयोजक,पोकरण