-लंबे समय से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं होने से शिक्षक पारिवारिक व सामाजिक तौर से परेशानी का अनुभव कर रहे हैं।
-वर्तमान में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों के लिए 85 हजार आवेदन प्राप्त करने के बाद भी ‘विभागीय नीतिÓ आ रही आड़े।
-जैसलमेर में 40 फीसदी यानी करीब 2 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों ने जिले से बाहर तबादले के लिए किया है आवेदन।
-600 के करीब बाहरी अध्यापक जिले में चाह रहे स्थानांतरण।
-वर्तमान सरकार में ग्रेड थर्ड का एक बार भी नहीं हुआ स्थानांतरण
-ढाई लाख में से 85 हजार शिक्षकों ने किया था आवेदन
-डार्क जोन में कुछ शिक्षक 20 साल से इंतजार कर रहे अपने गृह जिले में जाने के लिए।
-मकान किराया भत्ता जयपुर जोधपुर, कोटा, अजमेर व बीकानेर में 16 फीसदी, अन्यत्र 8 प्रतिशत।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं करना उनके साथ अन्याय है, क्योंकि शिक्षक लंबे समय से राज्य सरकार से तबादलो की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग में हर श्रेणी यानी चतुर्थ श्रेणी मंत्रालय कर्मचारी से लेकर प्रधानाचार्य और जिला शिक्षा अधिकारियों के भी तबादले किए गए, जबकि तृतीय श्रेणी अध्यापकों को बाहर ही रखा गया है। यह उचित नहीं है।
-प्रकाश विश्नोई, प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ
शिक्षकों को परस्पर स्थान परिवर्तन की छूट दी जाए तो बिना किसी विवाद या फिर पद रिक्त रहे बिनाा करीब 40 फीसदी तबादलों के मामलों को सुलझाया जा सकता है। यदि उक्त प्रक्रिया को मूर्त रूप दिया जाए तो सकारात्मक परिणाम निकल सकेंगे।