scriptप्रदेश में 2.39 लाख शिक्षकों की श्रेणी पर भारी ‘नीति’ | Heavy 'policy' on the category of 2.39 lakh teachers in the state | Patrika News
जैसलमेर

प्रदेश में 2.39 लाख शिक्षकों की श्रेणी पर भारी ‘नीति’

-शिक्षक तबादलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से भरवाए थे ऑनलाइन आवेदन-85 हजार से अधिक ने किया था आवेदन, अब करना होगा इंतजार

जैसलमेरOct 22, 2021 / 08:22 pm

Deepak Vyas

प्रदेश में 2.39 लाख शिक्षकों की श्रेणी पर भारी 'नीति'

प्रदेश में 2.39 लाख शिक्षकों की श्रेणी पर भारी ‘नीति’


जैसलमेर. दो दशक से अधिक समय तक घर-परिवार से दूर दूर-दराज के गांव व ढाणियों में पढ़ा रहे तृतीय श्रेणी के शिक्षक-शिक्षिकाओं का अपने गृह क्षेत्र जाने में अभी समय लगेगा। उक्त श्रेणी के शिक्षक वर्ग के लिए अभी तक तबादला नीति नहीं बन पाने से यह स्थिति बनी है। हालांकि तबादला प्रक्रिया शुरू होने के दौरान संबङ्क्षधत शिक्षक वर्ग से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे, लेकिन उनके स्थानांतरण में समय लगता दिख रहा है। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से तबादलों से रोक हटाने के बाद गत दिनों आचार्य, प्रधानाध्यापक, व्याख्याता और द्वितीय श्रेणी के तबादलेे बड़े स्तर पर किया गए। इस दौरान तृतीय श्रेणी अध्यापकों से आवेदन मांगने के बावजूद उन्हें उक्त श्रेणी के लिए ‘नीतिÓ बनने तक तबादलों से दूर रखा गया है। करीब 7 लाख कर्मचारियों में से ढाई लाख तृतीय श्रेणी अध्यापकों के वर्ग में तबादला प्रक्रिया सरकार के लिए भी गलफांस बना हुआ है। गौरतलब है कि अंतिम बार मई 2018 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए थे। प्रदेश में करीब 2.39 लाख शिक्षक है, जबकि सरहदी जैसलमेर जिले में इनकी संख्या करीब 4700 है।
हकीकत यह भी
-लंबे समय से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं होने से शिक्षक पारिवारिक व सामाजिक तौर से परेशानी का अनुभव कर रहे हैं।
-वर्तमान में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों के लिए 85 हजार आवेदन प्राप्त करने के बाद भी ‘विभागीय नीतिÓ आ रही आड़े।
-जैसलमेर में 40 फीसदी यानी करीब 2 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों ने जिले से बाहर तबादले के लिए किया है आवेदन।
-600 के करीब बाहरी अध्यापक जिले में चाह रहे स्थानांतरण।
-वर्तमान सरकार में ग्रेड थर्ड का एक बार भी नहीं हुआ स्थानांतरण
-ढाई लाख में से 85 हजार शिक्षकों ने किया था आवेदन
-डार्क जोन में कुछ शिक्षक 20 साल से इंतजार कर रहे अपने गृह जिले में जाने के लिए।
-मकान किराया भत्ता जयपुर जोधपुर, कोटा, अजमेर व बीकानेर में 16 फीसदी, अन्यत्र 8 प्रतिशत।
तबादलों से बाहर रखना अनुचित
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं करना उनके साथ अन्याय है, क्योंकि शिक्षक लंबे समय से राज्य सरकार से तबादलो की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग में हर श्रेणी यानी चतुर्थ श्रेणी मंत्रालय कर्मचारी से लेकर प्रधानाचार्य और जिला शिक्षा अधिकारियों के भी तबादले किए गए, जबकि तृतीय श्रेणी अध्यापकों को बाहर ही रखा गया है। यह उचित नहीं है।
-प्रकाश विश्नोई, प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ
पत्रिका व्यू
शिक्षकों को परस्पर स्थान परिवर्तन की छूट दी जाए तो बिना किसी विवाद या फिर पद रिक्त रहे बिनाा करीब 40 फीसदी तबादलों के मामलों को सुलझाया जा सकता है। यदि उक्त प्रक्रिया को मूर्त रूप दिया जाए तो सकारात्मक परिणाम निकल सकेंगे।
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