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जैसलमेर

स्वच्छंदता का आभास, ला रहा मौत के पास!

-लॉकडाउन में सड़कों पर सन्नाटा होने से अठखेलियां कर रहे वन्य जीव-जंगल से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आ रहे वन्य प्राणियों का हो रहा शिकार

जैसलमेरJun 05, 2021 / 12:46 pm

Deepak Vyas

स्वच्छंदता का आभास, ला रहा मौत के पास!

स्वच्छंदता का आभास, ला रहा मौत के पास!

लाठी/जैसलमेर. सरहदी जैसलमेर जिले में कोरोना महामारी के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की फिजा बदली है। विशेषकर शोर-शराबा कम होने व प्रदूषण घटने से पर्यावरण भी शुद्ध हुआ है। बावजूद इसके वन्यप्रेमियों को निराश करने वाली बात भी सामने आ रही है। पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि लॉकडाउन अवधि में शिकार की घटनाएं लगातार बढ़ी है। गत दिनों कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिहाज से जहां लॉकडाउन में लोग घरों में ही थे और सड़कों पर वाहनों का शोर कम था। इस अवधि ंमें पक्षियों और वन्यजीवों की गतिविधियां भी बढ़ गई। वन्य क्षेत्र से निकल कर वन्यप्राणी आबादी क्षेत्र में आकर इन दिनों अठखेलियां भी कर रहे हैं। जहां इस तरह का प्राकृतिक माहौल वन्य प्राणियों को रास आया, वहीं शिकारी भी वन्य प्राणियों के स्वच्छंद विचरण को देखते हुए सक्रिय हो गए। सरहदी जिले के लाठी क्षेत्र में गत दिनों वन्यजीव अपराध की कई घटनाएं सामने आई हैं। क्षेत्र में पिछले कई दिनों से वन्यजीव अपराध की घटनाएं अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा बढ़ी हैं। जानकारों की मानें तो अब गत दो वर्षों में शिकार की तीन दर्जन घटनाएं सामने आ चुकी है।
लॉकडाउन अवधि में शिकार की चर्चित घटनाएं
-5 मई को लाठी क्षेत्र के जांवध नई गांव में नील गाय का बंदूक से गोली मारकर शिकार।

-11 मई 2021- नीम्बा क्षेत्र में तीन हरिणों का के शिकार की घटना।
-18 मई 2021- बडोड़ा गांव के पास हरिणों का शिकार करते हुए पांच शिकारी गिरफ्तार, शिकार में उपयोग लिए जाने वाले औजार बरामद।

-20 मई 2021- सेलवी गांव के पास हरिण का शिकार करत दो शिकारी गिरफ्तार, आरोपियों के पास से मृत हरिण का शव भी बरामद।
-23 मई 2021- सम क्षेत्र में 2 सांडा का शिकार, एक आरोपी गिरफ्तार

आबादी के निकट आ रहे वन्यजीव
लॉक डाउन के दौरान लाठी क्षेत्र में वन्यजीवों के आबादी में आने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इसका मुख्य कारण वन्यजीव विशेषज्ञ वातावरण का शांत होना ही मानते हैं। उनका कहना है कि वातावरण शांत होने से वन्यजीवों को खेत खलिहानों व आबादी क्षेत्रों में भी जंगल जैसा ही अहसास हो रहा है और आबादी के निकट पानी तथा शिकार की उपलब्धता होने से वे जंगलों से बाहर आबादी में आ रहे हैं।
एक्सपर्ट व्यू: रेंज स्तर पर विशेष टीम के गठन की जरूरत
लॉकडाउन के बाद शिकार की घटनाएं बढ़ रही है। वन्यजीवों की मौत चिंता का विषय है। वन्यजीव प्रेमीयों की ओर से लगातार शिकारीयों को पकड़वाने में मदद मिल रही वन विभाग की ओर से रेंज स्तर विशेष टीम का गठन करने की जरूरत है।
-राधेश्याम पेमाणी, वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमी

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