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जैसलमेर

इन्दिरा रसोई योजना… करिश्मा कर दे कोई भूखा सोया न करें…

-जन्मदिन व पुण्यतिथि पर भूखों को भोजन कराने का बढ़ रहा प्रचलन-जैसलमेर में 150 तो पोकरण में 100 व्यक्तियों को मिल रहा भोजन

जैसलमेरNov 04, 2020 / 09:09 pm

Deepak Vyas

इन्दिरा रसोई योजना... करिश्मा कर दे कोई भूखा सोया न करें...

इन्दिरा रसोई योजना… करिश्मा कर दे कोई भूखा सोया न करें…

जैसलमेर. किसी शायर ने सही कहा है कि ऐ खुदा यूं रात में कोई रोया न करें, करिश्मा कर दे कोई भूखा सोया न करें…। सरहद पर बसे खूबसूरत जैसलमेर जिले के बाशिंदे सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में भी पीछे नहीं हैं। बदलते समय के साथ स्थानीय बाशिंदों के नजरिये में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। जिला प्रशासन के आह्वान के बाद अब स्थानीय बाशिंदे किसी प्रियजन का जन्मदिन हो या फिर किसी की पुण्यतिथि..। उसे यादगार बनाने के लिए इन्दिरा रसोई योजना में भूखों को भोजन कराने के लिए उत्साहित रहते हैं। जहां कई जिलों में यह योजना अलग-अगल कारणों से प्रभावित हो रही हैं, वहीं सरहदी जिले में जागरुकता के कारण स्थिति सुखद व जुदा है। गत अगस्त माह में शुरू की गई उक्त योजना से जिले के आला अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि, शहर के मौजीज लोग अपने प्रियजन के जन्म दिन, विवाह की वर्षगांठ व किसी पुण्यतिथि पर रसोई योजना में भोजन करवा चुके हैं। यह सिलसिला अब बदस्तूर जारी है।
नसीब हो रही दो जून की रोटी…
फुटपाथ पर बैठे लोगों को आश्रय स्थल में रहने के साथ दो जून की रोटी भी अब नसीब हो रही है। यही नहीं बाहर से आए राहगीर हो या आर्थिक रूप से कमजोर या फिर शहर को कोई भी बुजुर्ग, महिला या बच्चा। सरहदी जिले में शहरी गरीब परिवारों को पौष्टिक भोजन रियायती दर पर मुहैया कराने की कवायद की जा रही है। जैसलमेर में तीन जगहों हनुमान चौराहा, रेलवे स्टेशन के सामने और गफूर भ_ा पर गत 20 अगस्त से इंदिरा रसोई का संचालन तीन अलग अलग संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। जहां एक समय में औसतन 150 लोग भोजन करते हैं। भोजन करने वाले लाभार्थी से 8 रुपए लिए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के भोजन पर नगरपरिषद की ओर से 12 रुपए सम्बंधित संस्था को दिए जाते हैं। शुरुआत से रसोई अब तक सुचारू रूप से चल रही है। जिस समय भोजन प्रायोजित किया जाता है, उस समय लाभार्थी को नि:शुल्क खाना खिलाया जाता है। यहां भोजन में प्राय: दाल, चावल, चपाती व सब्जी परोसी जाती है। उधर, पोकरण में इंदिरा रसोई योजना के तहत रसोई संचालित हो रही है। अभी तक बन्द जैसी कोई स्थिति नही है। प्रतिदिन एक समय औसतन 100 जने भोजन करते है।

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