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जैसलमेर

नहरी क्षेत्र की फिजां में घुल रहा ‘जहर’,इंसानी जिंदगी के लिए नाशक बन रहा कीटनाशक

-धड़ल्ले से हो रहा उपयोग, 4 साल में 243 ने पीया

जैसलमेरMar 20, 2019 / 05:55 pm

Deepak Vyas

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नहरी क्षेत्र की फिजां में घुल रहा ‘जहर’,इंसानी जिंदगी के लिए नाशक बन रहा कीटनाशक

जैसलमेर/मोहनगढ़. सरहदी जैसलमेर जिले में इंदिरा गांधी नहर के आगमन से जैसलमेर जिले का मोहनगढ़ क्षेत्र भरपूर ढंग से सरसब्ज हुआ है और किसानों की आमदनी में भी इजाफा देखा जा रहा है, लेकिन फसलों में बढ़ोतरी के लिए कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल इंसानी जिंदगियों के लिए खतरे का सबब बन गया है। नहरी क्षेत्र के किसान अधिक से अधित उत्पादन लेने तथा फसलों को विभिन्न रोगों से मुक्त रखने के लिए विभिन्न प्रकार के कीटनाश्कों और उर्वरकों का उपयोग करते हैं। उन्हें कीटनाषक के बारे पूरी जानकारी नहीं होने के बावजूद इसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। पत्रिका पड़ताल में यह सच भी सामने आया है कि घर पर मामूली कहासुनी हो या शराब के नशे में या फिर मानसिक परेशानी का ही कारण हो, नहरी क्षेत्र की महिलाएं व पुरुषों के कीटनाशक पीने के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। उधर, खेतों में छिडक़ाव के दौरान किसानों की ओर से सावधानी नहीं बरती जाती। जिसके चलते कई बार श्वास के जरिए कीटनाषक शरीर में चला जाता है। आए दिन कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कीटनाशक पीने के मरीज आ रहे हैं। पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि इन कीटनाशकों के बिना सोचे-विचारे उपयोग के कारण जहर अनाज व सब्जियों के जरिए इंसानी जिस्म में पहुंच रहा है। इनके प्रभाव से शारीरिक शक्ति व सहनशक्ति में कमी देखने को मिल रही है।
घातक साबित हो रहा इस्तेमाल
किसानों की ओर से अधिक पैदावार के प्रयास में कीटनाशकों का जरूरत से ज्यादा उपयोग खुद उनके और आमजन के लिए घातक साबित हो रहा है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डॉ. केआर पंवार ने बताया कि इनके प्रभाव से जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, खाज खुजली, पेटदर्द आदि की शिकायत होती है। समय पर उपचार नहीं मिलने पर पीडि़त व्यक्ति कोमा तक में चला जाता है। उसकी मौत भी संभव है।
मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में फसलों की बीजाई से लेकर फसलों के पकने तक किसानों की ओर से फसलों में कीटनाशक एवं उर्वरक का उपयोग किया जाता है। इसके चलते मोहनगढ़ क्षेत्र में कीटनाशक एवं उर्वरक की मांग भी बढ़ी है।
हकीकत यह भी
मोहनगढ़ के नहरी क्ष् ोत्र तथा आसपास के गांवों में कीटनाशक पीने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। ऐसे मरीज जैसलमेर जिले के अन्य गांवों से भी उपचार के लिए मोहनगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच रहे हैं। वर्ष 2015 से लेकर अब तक जिले भर में कीटनाशक पीने के 243 मरीज मोहनगढ़ के सरकारी अस्पताल में पहुंच चुके हैं। जिसमें 2015 में 38, 2016 में 46, 2017 में 70, 2018 में 68 तथा गत 12 मार्च तक 21 मरीज उपचार के लिए मोहनगढ़ के अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। पिछले दो साल में 6 से अधिक मरीजों ने अस्पताल पहुंचने से पहले की दम तोड़ दिया। कीटनाशक का सेवन करने के करीब चार घंटे के अंदर उपचार मिल जाए तो मरीज की जिंदगी बचाना संभव है।
पत्रिका व्यू-
दिलाया जाए प्रशिक्षण
मोहनगढ़ क्षेत्र में किसानों के पास फसलों की सुरक्षा के लिए पूरी जानकारी नहीं होने के कारण वे अच्छी पैदावार नहीं ले पाते हैं।किसानों व पेस्टीसाइड्स के दुकानदारों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे ही किसानों को भी फसलों पर कौनसे कीटनाशक का कितना छिडक़ाव, कैसे करना है, यह जानकारी दिलाई जानी चाहिए। सरकार व कृषि विभाग को समय समय पर प्रशिक्षण आयोजित करने चाहिए। जिससे उन्हें कीटनाशकों के दुष्प्रभावों की भी पूरी जानकारी मिल सकेगी।

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