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जैसलमेर

बिखर रही माइनर तो खामियाजा भुगत रहे इन तीन जिलों के किसान

करोड़ों का खर्च बेकार, जमीदोंज हो रहे माइनर

जैसलमेरJun 04, 2020 / 08:05 pm

Deepak Vyas

बिखर रही माइनर तो खामियाजा भुगत रहे इन तीन जिलों के किसान

बिखर रही माइनर तो खामियाजा भुगत रहे इन तीन जिलों के किसान

जैसलमेर/नोख. भूमिपुत्रों के प्रति सरकारी तंत्र की उपेक्षा और उदासीनता का ज्वलंत उदाहरण नोख क्षेत्र में बनी सिंचाई वितरिकाओंं में पानी की जगह दो दशक से जमा रेत को देखने से मिल जाता है। करोड़ों रुपए खर्च से निर्मित वितरिकाएं व माइनर किसानों के उपयोग में आने से पहले ही कई जगहों से टूट कर बिखर गए हैं लेकिन जिम्मेदार इस ओर से उदासीन ही बने हुए हैं। इसका खामियाजा तीन जिलों के सैकड़ों किसान भुगत रहे हैं। उल्लेखनीय है कि करीब दो दशक पहले गुरु जम्भेश्वर लिफ्ट नहर फलोदी से नेता वितरिका का निर्माण किया गया था जिसमें से अन्ना माइनर, ढालेरी प्रथम व द्वितीय माइनर का भी किसानों की सिंचाई के लिए निर्माण किया गया था लेकिन सरकारी व विभागीय उदासीनता के कारण आज तक इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। इसी गुरु जम्भेश्वर लिफ्ट नहर से निकले कई अन्य वितरिकाओं व माइनरों में वर्षों से सिंचाई सुविधा दी जा रही है। नेता वितरिका के निर्माण के समय १५९५ हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की योजना के अनुसार निर्माण किया गया था। वर्तमान में केवल ११०० हेक्टेयर भूमि को ही सिंचाई के लिए शामिल माना गया है। उसमें से भी इस समय नेता वितरिका में वर्तमान में महज २५० हेक्टेयर भूमि को ही कमांड मानकर सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। नेता वितरिका को किमी ९.९८० पर राजीव गांधी लिफ्ट नहर को क्रॉस करवाने के लिए सीडी निर्माण का कार्य होना शेष है।
सैकड़ों किसान बेहाल
नेता वितरिका से जैसलमेर जिले के बीठे का गांव, नोख, ढालेरी, जोधपुर जिले के सांवरागांव और बीकानेर जिले के नेतावतों की ढाणी क्षेत्र में स्थित खेतों को सिंचाई उपलब्ध करवाई जानी थी। इसके लिए वितरिका व माइनरों का निर्माण भी किया जा चुका था लेकिन उसके बाद विभागीय व सरकारी उदासीनता के कारण आज तक इसमें सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं करवाया गया है। जानकारी के अनुसार जोधपुर के लिए बनी पेयजल सप्लाई की राजीव गांधी लिफ्ट नहर के ऊपर से एक जगह नेता वितरिका को पार करवाने के लिए एक पुल या पाइप लगाए जाने का कार्य वर्षों से लंबित है। इसके अलावा भी कई अन्य सरकारी व विभागीय कारणों से भी किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बिखर रहे हैं माइनर
सरकार द्वारा नेता वितरिका व माइनरों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपए खर्च तो कर दिए गए थे लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। जिम्मेदारों की उदासीनता का आलम यह है कि यहां निर्मित माइनर अपने उपयोग से पहले ही कई जगहों से टूट कर बिखर रहे हैं। इसके साथ ये माइनर मिट्टी से भरे हुए हैं और इनमें झाडिय़ों ने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। हालात ऐसे ही बने रहे तो आगामी समय में यह माइनर मिट्टी में मिल सकते हैं। खेती के परम्परागत व्यवसाय से जुड़े क्षेत्र के अधिकतर किसान आज भी मानसून की बारिश पर निर्भर है। क्षेत्र में सिंचाई के लिए नहरों के निर्माण के बाद उन्हें भी वर्ष में दोहरी फसल लेने व खेती में आत्मनिर्भरता की आस जगी थी लेकिन उनके सपने के माइनर आज भी पानी की जगह रेत ही उगल रहे हैं। तीनों जिलों के इस वितरिका से जुड़े किसान गत कई वर्षों से विभाग व जनप्रतिनिधियों के चक्कर निकाल रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि इस समय इस क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों में से दो पोकरण व कोलायत विधायक राज्य सरकार में मंत्री हैं तो जोधपुर व बीकानेर जिलों के सांसद केंद्र सरकार में मंत्री पद पर आसीन हैं, इसके बावजूद तीन जिलों के त्रिवेणी संगम पर आए किसान आज भी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।
मरम्मत के लिए बजट का अभाव
नेता वितरिका को अभी तक सिंचाई का पानी आवंटित नहीं हुआ है। इसके प्रथम आउटलेट तक ही सिंचाई हो रही है। इसमें एक जगह स्ट्रेचर निर्माण अधूरा है और अभी अन्य नहरें जिनसे सिंचाई हो रही है। उनकी मरम्मत का कार्य ही हो सकता है। नेता वितरिका की मरम्मत के लिए बजट नहीं मिल रहा है।
– आर के भाटी, अधिशासी अभियंता, गुरु जम्भेश्वर लिफ्ट नहर, २४वां खंड फलोदी जोधपुर

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