जेब में पैसे लेकर घूम रहे, नहीं मिल रही पेट भरने का सामान
-नाचना क्षेत्र में खाद्य सामग्री की अनुपलब्धता ने बढ़ाई मुसीबत -कोरोना संक्रमितों की पुष्टि के बाद बाजार में सन्नाटा तो नहीं खुल रहे दुकानों के शटर भी
जेब में पैसे लेकर घूम रहे, नहीं मिल रही पेट भरने का सामान
नाचना. कस्बे में कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के दौरान 21 मई को प्रशासन की ओर से लगाया गया कफ्र्यू जारी है। बाजार में दवाइयों की दुकानों व दूध डेयरी के अलावा अन्य सभी प्रकार की दुकानों के शट्टर तक नहीं खुले, जिससे बाजार में सुबह से लेकर शाम तक सन्नाटा पसरा दिखाई दिया जा सकता है। लोगों को रोजमर्रा की खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं होने से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण की रोक थाम करने के लिए देशव्यापी लॉक डाउन का चतुर्थ चरण की अवधि समाप्त होने को है, उस पर गांव में लगा कफ्र्यू से क्षेत्र व गांव के किसान, मजदूर, सरकारी कर्मचारी तथा व्यापारी वर्ग का धैर्य जवाब देने लगा है। कफ्र्यू के कारण कस्बे में एकमात्र राष्ट्रीय कृत बैंक एसबीआई के दरवाजे तक नहीं खोलने तथा किसी प्रकार की लेनदेन नहीं होने से खाताधारियों की ओर से अपनी बचत की गई जमा राशि भी बैंक से उठा नहीं पा रहे हैं, वहीं एटीएम भी बंद है। पुलिस की ओर से मंगलवार को बैक को एक घंटा के लिए खोलने की स्वीकृति प्रदान की गयी थी, जिसमे पेट्रोल पम्प व गैस एजेन्सी की राशि, जमा की गई, ताकि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की आपूर्ति हो सके। बैक के शाखा प्रबंधक हरीओम गोयल ने बताया कि पुलिस की ओर से एक घंटा बैक खोलने की स्वीकृति देने से न केवल बैक कर्मचारियों को परेशानी हुई। गांव के व्यापारी वर्ग तथा अन्य उपभोक्ताओ ने भी बैक के प्रति नाराजगी जताई। घरों में सक्षम लोगों की ओर से रोजमर्रा की खाद्य सामग्री का रखा स्टॉप भी लगभग समाप्त हो चुका है प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूर जो रोज की कमाई राशि से खाद्य सामग्री ले जाकर अपने घर में चूल्हा जलाकर भोजन की व्यवस्था करते हैं, उन्हें बाजार बंद के चलते आटा, दाल, तेल आदि आवश्यक खाद्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं होने से उनकी परेशानियां बढ़ा दी है।
संक्रमित मरीज की पुष्टि के बाद लगाया था कफ्र्यू
गांव में पहले एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने तथा बाद में उसी परिवार की तीन और लोगों की जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर जिला कलेक्टर की ओर से पूरे गांव को हाई रिस्क जोन घोषित कर कफ्र्यू लगा दिया गया था। कस्बे में दवाइयों के अलावा अन्य सभी प्रकार की दुकानें बंद रखने का आदेश तथा बाहर से आने व जाने पर प्रतिबंध के आदेश दिए थे। इसी को लेकर उपखंड अधिकारी पोकरण श्री अजय अमरावत ने 21 मई 2020 को नाचना का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था तथा उनकी ओर से कहा गया था कि फिलहाल चार-पांच दिन बाजार पूर्ण रुप से बंद रहेगी। उसके बाद स्थिति के अनुसार कुछ राहत देने के प्रयास किए जाएंगे बावजूद इसके निर्धारित अवधि का समय बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की राहत नहीं देने से क्षेत्र व गांव के लोग परेशान हैं।
…और व्यापारियों ने जताई असमर्थता
पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापारियों को परामर्श दिया गया है कि दो.तीन किराने की दुकानें खोलकर सामान होम डिलीवरी दी जावे जिस पर कस्बे के व्यापारियों ने असमर्थता जताते हुए कहा गया कि सभी दुकानों को खोलने की स्वीकृति देवें। भले ही दिन में दुकान खोलने की समय सीमा निर्धारित की जाए । गौतलब हैं नहरी क्षेत्र की विभिन्न ढाणियों एखेतो में तथा आस पास के छोटे छोटे गांवों में चाहे दुकानदार हो, चाहे किसान व मजदूर…। उनकी खाद्य सामग्री सें लेकर अन्य सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ती नाचना कस्बे से ही होती है। नाचना की बाजार बंद होने से उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।