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जैसलमेर

JAISALMER NEWS- आज के दिन थर्राया था पोकरण, शक्ति सम्पन्न देशों में मची खलबली

परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ पर आज.. जय जवान, जय किसान के साथ जुड़ा जय विज्ञान का नारा, कलाम के कमाल का धमाल, दुनिया का सलाम

जैसलमेरMay 11, 2018 / 12:03 pm

jitendra changani

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पोकरण में 11 व 13 मई को हुए सिलसिलेवार पांच परमाणु परीक्षण


जैसलमेर/पोकरण. वर्ष 1998 में 11 मई का दिन, भारत की अपनी महान शक्ति दुनिया भर में गंूज उठी थी। उस दिन पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में परमाणु परीक्षण की शृंखला के दो व उसके दो दिन बाद 13 मई को किए गए तीन बम धमाकों से विश्व थर्रा गया तथा देखते ही देखते पोकरण एक बार पुन: सुर्खियों में आ गया। इन पांच धमाकों में एक संलयन व चार विखंडन बम शामिल थे। दुनिया भर के जासूसों की निगाह से बचाने के लिए परमाणु परीक्षण स्थल से कुछ दूरी पर पिनाका जैसे रोकेट छोड़े गए तथा वायुसेना के विमानों से रन-वे विध्वंस करने का भी अभ्यास किया। ऑपरेशन शक्ति पोकरण द्वितीय के मुख्य परियोजना समन्वयक व डीआरडीओ के निदेशक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम , वैज्ञानिक डॉ.के.संथनाम व डॉ.आर.चिदम्बरम की टीम ने पोकरण में परमाणु परीक्षण की रचना कर विश्व को चौंका दिया। गौरतलब है कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में 11 व 13 मई को सिलसिलेवार पांच परमाणु परीक्षण कर विश्व में भारत को परमाणु सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित किया तथा ऑपरेशन शक्ति पोकरण द्वितीय व शक्ति-98 के रूप में नई पहचान मिली। इसी दिन को पूरा भारत 20 वर्षों से शक्ति दिवस के रूप में मनाता आ रहा है।

अब 25 मई को रिलीज होगी परमाणु
11 व 13 मई 1998 को हुए परमाणु परीक्षण पर निदेशक अभिषेक शर्मा की ओर से अभिनेता जॉन अब्राहम के साथ परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोकरण फिल्म बनाई गई है। जिसको लेकर पोकरण में गत वर्ष एक माह तक शूटिंग की गई तथा दृश्य फिल्माए गए। इस फिल्म में परमाणु परीक्षण की पूरी कहानी दर्शाई गई है, जो आगामी 25 मई को रिलीज होकर पर्दे पर आएगी।
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सैन्य अधिकारी के रूप में आते थे डॉ.कलाम
परमाणु परीक्षण ऑपरेशन शक्ति पोकरण द्वितीय को अंजाम देना एक बहुत बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था। जिसकी तैयारियों को लेकर निश्चित रूप से एक लम्बा समय लगा तथा डीआरडीओ के निदेशक डॉ.कलाम व उनकी टीम के वैज्ञानिक एक नहीं अनेक बार पोकरण आए तथा पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में साइट का चयन व निरीक्षण भी किया, लेकिन इस कार्यक्रम को पूरी तरह से गुप्त रखा गया। डॉ. कलाम व उनके वैज्ञानिक साथी पोकरण कस्बे में भी आए, तो या तो सेना के बड़े अधिकारियों की वर्दी में अथवा एक सामान्य इंसान की तरह, ताकि किसी व्यक्ति को ऑपरेशन की भनक नहीं लग सके। इस बात का खुलासा भी उन्होंने परमाणु परीक्षण के बाद करते हुए कहा कि वे पोकरण व खेतोलाई में कई बार आए तथा वे यहां की धरती से प्यार करते है।
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वाजपेयी ने की हौसला अफजाई
11 व 13 मई 1998 को परमाणु परीक्षण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी पोकरण क्षेत्र के लोगों की सुध लेते हुए उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने राष्ट्रीय गौरव के दिन को याद करते हुए 19 मई 1998 को पोकरण में एक आमसभा कर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने जय जवान, जय किसान के नारे के साथ जय विज्ञान का नारा दिया।
फैक्ट फाइल:-
– 20 वर्ष पूर्व पोकरण की धरा पर हुआ परमाणु परीक्षण
– 5 धमाके किए गए परमाणु परीक्षण शृंखला के अंतर्गत
– 80 किमी लम्बाई में फैली है पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज
– 25 किमी पोकरण से दूर है खेतोलाई गांव
– 5 किमी खेतोलाई गांव से दूर है परमाणु परीक्षण स्थल

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