महापड़ाव में जुटे सैंकड़ों किसान मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में रबी की फसलों की बीजाई का दौर शुरू हो चुका है। मगर किसानों को अभी तक सिंचाई के लिए पूरा पानी नहीं मिल रहा है। इसके चलते किसानों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। इसको लेकर किसानों द्वारा पिछले सप्ताह जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया था। उसके बावजूद अभी तक राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया गया। गुरूवार को नहरी क्षेत्र के किसानों द्वारा सिंचाई पानी को लेकर इंदिरा गांधी नहर के अंतिम छोर जीरो आरडी पर महापड़ाव शुरू कर दिया। किसानों के महापड़ाव को लेकर नहर प्रशासन ने कुछ नहरों में क्षमता से भी कम सिंचाई पानी बुधवार को छोड़ा था, ताकि किसान जीरो आरडी पर महापड़ाव में शामिल न हो सके। उसके बावजूद नहरी क्षेत्र से काफी संख्या में किसान महापड़ाव स्थल पर पहुंचे। इस संबंध में किसान नेता अचला राम जाट, साभान खां सांवरा, मनोहर सिंह नरावत आदि का कहना था कि जैसलमेर जिले को वर्तमान 1500 क्यूसेक पानी कम मिल रहा है।
कम पानी मिलने से बढ़ा गुस्सा राज्य सरकार व नहर प्रशासन द्वारा हर बार जैसलमेर जिले को सिंचाई पानी कम ही दिया जाता है। जिसके चलते किसान पूरी फसलें भी नहीं ले पा रहे है। सिंचाई पानी पूरा नहीं मिलने के चलते किसानों को हर साल लाखों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसको लेकर गुरूवार को जीरो आरडी पर किसानों द्वारा महापड़ाव का आयोजन किया। किसानों का आरोप है कि महापड़ाव को विफल करने के लिए कुछ नहरों में नाम मात्र का पानी नहर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा छोड़ा गया है। ताकि किसान महापड़ाव में न पहुंच सके। मगर जैसलमेर जिले का पूरा पानी लेने के लिए हक की लड़ाई लड़कर रहेंगे। सांयकाल के समय नहर विभाग के एसई माना राम जांगिड़ भी किसानों के बीच पहुंचकर किसानों से वार्ता की। मगर कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाए।