मिनटों में धराशायी हुए असुरी शक्तियों के प्रतीक
जैसलमेर. विजयदशमी के पावन पर्व पर असुरी शक्तियों के प्रतीक दशानन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन देखने पूनम स्टेडियम में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंगलवार को अपूर्व आतिशबाजी के नजारे देखकर हर कोई रोमांचित हो गया। मंगलवार शाम पौने सात बजे जिला कलक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग के साथ जनप्रतिनिधियों के तौर पर प्रधान अमरदीन फकीर व उषा राठौड़ ने स्विच दबाने की रस्म निभाई और सबसे पहले रावण के मुंह तथा आंखों से रोशनियां फूटने लगी। उसके बाद उसके पूरे जिस्म में आतिशी धमाके हुए और
मिनटों में धराशायी हुए असुरी शक्तियों के प्रतीक,मिनटों में धराशायी हुए असुरी शक्तियों के प्रतीक
जैसलमेर. विजयदशमी के पावन पर्व पर असुरी शक्तियों के प्रतीक दशानन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन देखने पूनम स्टेडियम में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंगलवार को अपूर्व आतिशबाजी के नजारे देखकर हर कोई रोमांचित हो गया। मंगलवार शाम पौने सात बजे जिला कलक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग के साथ जनप्रतिनिधियों के तौर पर प्रधान अमरदीन फकीर व उषा राठौड़ ने स्विच दबाने की रस्म निभाई और सबसे पहले रावण के मुंह तथा आंखों से रोशनियां फूटने लगी। उसके बाद उसके पूरे जिस्म में आतिशी धमाके हुए और वह धूं-धूं कर जलने लगा। बारी-बारी से अन्य दो पुतले जलाए गए। इस बार रावण का दहन सूर्यास्त के बाद ही हुआ।
आतिशी नजारों ने लुभाया
हजारों शहरी और ग्रामीणजन पुतला दहन कार्यक्रम देखने सायं ५ बजे के बाद से जमा होना शुरू हो गए। तीनों पुतले हालांकि बमुश्किल तीन-साढ़़े मिनट तक खड़े रह पाए लेकिन इस बार हर बार से कहीं अधिक आतिशबाजी नगरपरिषद की ओर से करवाई गई। आसमान में थोड़े-थोड़े अंतराल में उठने वाली आकाशगंगा को निहार कर दर्शक रोमांचित हो गए। इन नजारों को कैमरों में कैद करने की यहां होड़-सी मच गई। पूरे वातावरण में पटाखों का शोर रंग-बिरंगी रोशनियां बिखर गई। इस मौके पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे। उपअधीक्षक गोपाल शर्मा और थानाधिकारियों किशनसिंह चारण, नाथूसिंह ने मय जाब्ता भीड़ को व्यवस्थित करने में भूमिका निभाई। संचालन विजय बल्लाणी ने किया।
Home / Jaisalmer / मिनटों में धराशायी हुए असुरी शक्तियों के प्रतीक