वर्षों से कायम है कालेडूंगराय माता के पैदल जाकर दर्शन करने की परंपरा
-ऊंचे पहाड़ पर काले पत्थरों के बीच बना है माता का मंदिर-देश के कोने-कोने से दर्शन करने पहुंचते है श्रद्धालु
वर्षों से कायम है कालेडूंगराय माता के पैदल जाकर दर्शन करने की परंपरा
जैसलमेर. जिले के हड्डïा-काणोद मार्ग पर स्थित कालेडूंगरराय मंदिर ऊंचे पहाड़ पर काले पत्थरों के बीच स्थित है। वर्षों से शहर से 27 किलोमीटर दूर कालेडूंगराय माता के पैदल चलकर दर्शन करने की परंपरा आज भी बनी हुई है। नवविवाहित जोड़े भी माता का आशीर्वाद लेने के लिए पदयात्रा के लिए रवाना होते हैं। जिले के लोगों का विश्वास है कि क्षेत्र में माता की कृपा से ही कोई विपत्ति नहीं आती। इसी कारण वे वर्ष में दो या तीन बार यहां दर्शनार्थ आते हैं। जैसलमेर से उत्तर दिशा में मोहनगढ़ मार्ग पर स्थित कालेडूंगरराय मंदिर में माघ शुक्ल की चतुर्दशी को मेला लगता है, जिसमें न केवल जिले से, बल्कि देश के कोने-कोने से लोग यहां दर्शनार्थ उमड़ते है। भक्तों के कष्ट देखकर मां का हृदय द्रवित हो उठता है और वह अपने लाडलों के दु:ख हरने के लिए तुरंत सुध लेती है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु व माघ शुक्ल की चतुर्दशी को यहां दर्शन करने पहुंचते हैं।
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