जैसलमेरPublished: Mar 24, 2023 07:37:08 pm
Deepak Vyas
- शाले मोहम्मद ने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली
जैसलमेर. प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलात और उपनिवेशन मंत्री शाले मोहम्मद ने शुक्रवार को पंचायत समिति जैसलमेर के सभाकक्ष में पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। मनरेगा सहित अन्य ग्रामीण विकास संबंधी योजनाओं की धीमी प्रगति को लेकर मंत्री ने अधिकारियों को लताड़ा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे आपस में तू-तू-मैं-मैं करने की बजाए आपस में संवाद कायम करते हुए लोगों को फायदा पहुंचाएं। मंत्री ने इस मौके पर जब मनरेगा में १०० दिन का रोजगार पूरा करने वाले श्रमिकों की संख्या पूछी तो उन्हें बताया गया कि, यह संख्या ७ हजार है। इस पर उन्होंने पूछा कि गत वर्ष में यह संख्या कितनी थी, जिस पर जवाब मिला- २७ हजार। इस पर शाले मोहम्मद ने अफसोस भरे लहजे में कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री ने मनरेगा में कार्य दिवसों की संख्या को बढ़ा कर १२५ कर दिया है, दूसरी तरफ यहां १०० दिन का रोजगार भी लोगों को नहीं दिया जा रहा है। इससे यह तो मानना पड़ेगा कि सिस्टम में कहीं कमी है। बैठक में जिला कलक्टर टीना डाबी और जिला परिषद के सीइओ दाताराम सहित पंचायत समितियों के विकास अधिकारी और ग्रामीण विकास से जुड़े अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
पहले से ज्यादा संसाधन, फिर काम में कमी क्यों
शाले मोहम्मद ने कहा कि कोरोना के समय मनरेगा में ग्रामीणों को जोरदार ढंग से रोजगार मिला था, तभी मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्र में भी रोजगार गारंटी योजना लागू की। केंद्र सरकार की तरफ से बजट में कटौती करने पर राज्य सरकार ने ज्यादा राशि आवंटित की। उन्होंने मौजूद अधिकारियों से सवाल किया कि, जब पहले से ज्यादा समितियां, पंचायतें और स्टाफ है तो काम में कमी क्यों? हम अधिकारियों का ट्रांसफर करने के पक्ष में नहीं हैं, हम चाहते हैं कि अधिकारी-कर्मचारी मिलकर अच्छा काम करें ताकि यहां से जाने के बाद भी लोग उन्हें याद रखें। जैसलमेर के कई कलक्टर्स को लोग आज भी उनकी अच्छी कार्यशैली के लिए याद रखे हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों के काम नहीं होने के बावजूद आपको तो फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि समय पर तनख्वाह मिलती रहेगी...नुकसान तो उस गरीब का होगा जिसे साल में १२ हजार रुपए मिलते हैं, वे भी नहीं मिलेंगे। मंत्री ने पंचायतीराज व्यवस्था की सबसे शुरुआती कड़ी ग्राम पंचायतों की अनदेखी किए जाने पर भी नाराजगी जताई।
इन योजनाओं में प्रगति की हुई समीक्षा
केबिनेट मंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजना, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, ग्रामीण विकास से जुड़ी अन्य योजनाओं की समीक्षा की। मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यों की समय पर स्वीकृति नहीं दी जा रही और उनका समय पर क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। उन्होंने समय पर कार्य की स्वीकृति देने तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं में बजट होने के बाद भी काम नहीं हो रहे हैं। सरकार ने विकास कार्यों में बजट की कोई कमी नहीं आने दी है, विभागों में बजट होने के बाद भी खर्च नहीं कर पा रहे हैं, यह चिंता का विषय है। उन्होंने निर्देशित किया कि समय पर विकास कार्य करवाकर आमजन को राहत देना सुनिश्चित करें।