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जैसलमेर

महज 4 वर्ष में 2000 करोड़ पहुंचा पर्यटन उद्योग का टर्न ओवर

महज चार वर्ष में स्वर्णनगरी में पर्यटन का आंकड़ा २००० करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं सोने सी स्वर्णनगरी में बिना ठहराव के लौटने वाले मेहमानों को थामने को लेकर अभी तक उपाय कारगार साबित नहीं हो पाए हैं। चाहे यहां की स्थापत्य कला हो, पीत पाषाणों से निर्मित सोनार दुर्ग और या फिर रेतीले धोरे…. ।

जैसलमेरAug 25, 2019 / 11:36 am

Deepak Vyas

Tourism industry turnover reached 2000 crores in 4 years in jaisalmer

महज 4 वर्ष में 2000 करोड़ पहुंचा पर्यटन उद्योग का टर्न ओवर

जैसलमेर. महज चार वर्ष में स्वर्णनगरी में पर्यटन का आंकड़ा 2000 करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं सोने सी स्वर्णनगरी में बिना ठहराव के लौटने वाले मेहमानों को थामने को लेकर अभी तक उपाय कारगार साबित नहीं हो पाए हैं। चाहे यहां की स्थापत्य कला हो, पीत पाषाणों से निर्मित सोनार दुर्ग और या फिर रेतीले धोरे…. । इन सभी से रू-ब-रू होने हर वर्ष देश-विदेश से लाखों सैलानी यहां भ्रमण के लिए आते है। अब यह आंकड़ा करीब 5 लाख तक पहुंच गया हैै। वहीं वर्ष 2015 में पर्यटन उद्योग का भी आंकड़ा 200 करोड़ से बढक़र 2000 करोड़ तक पहुंच गया है। जानकारों की मानें तो यदि पर्यटकों का ठहराव बढ़ाने की कवायद कारगर साबित हो जाए तो रिकार्ड आय पर्यटन उद्योग की झोली में जाएगी। उनके अनुसार पर्यटन के लिहाज से अछूते स्थलों को पहचान दिलाने, नवाचार लाने और पर्यटन के लिहाज से सुविधाओं का विस्तार करने की जरूरत है, इसको लेकर गंभीरतापूर्वक प्रयास करने की दरकार है।
रेल पहुंंची तो उतरा हवाई जहाज भी
स्वर्णनगरी में विगत वर्षों में देसी सैलानियों की संख्या भी बढ़ी है और विदेशी सैलानियों का हुजूम तो उमड़ता ही है। पर्यटकों के लिए अब अहमदाबाद के लिए बस तो है ही हवाई सेवा भी है। ऐसे में गुजराती पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद लगाई जा रही है। अब पर्यटकों को घूम-फिरकर जैसलमेर पहुंचने की जरूरत नहीं है। हवाई सेवा से महानगर जुड़ चुके हैं। हालांकि ‘कमाऊपूत’ होने के बावजूद भी जैसलमेर रेलवे स्टेशन से लंबी दूरी की रेलों का अभाव है। केवल हावड़ा एक्सप्रेस और रानीखेत एक्सपे्रस को छोड़ दिया जाए तो लंबी दूरी के स्टेशन तक रेल नहीं चल पाई है।
इन पर हो सकता है विचार-
– जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लौद्रवा में मूमल व महेन्द्रा की प्रेम गाथा विख्यात है। इस स्थान को पर्यटन क्षेत्र के रूप में लोकप्रिय बनाने की जरुरत।
-जैसलमेर के तनोट मंदिर, आकल फोसिल पार्क और डीएनपी को मरू महोत्सव से जोडऩे की जरूरत।
-सोनार किले में जैसलु कुआ, कडक़ बिजली तोप व हर-हर महादेव चौक जैसे स्थलों को ऐतिहासिक धरोहरों के रूप में उभारा जाए।
-गौरवमयी परम्पराओं व संस्कृति के साथ ऐतिहासिक घटनाओं का लाइट व साउड के माध्यम से हो प्रदर्शन।
-दुर्ग में ऐतिहासिक घटनाओं के अवलोकन के लिए ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण करवाने और चित्रित पट्टों व मूर्तिंयों के जरिए जैसलमेर को ऐतिहासिक पर्यटन केन्द्र विकसित करने पर हो सकता है प्रयास।
– जैसलमेर की पुरानी जेल, जहां स्वतंत्रता सैनानियों ने यातनाएं भुगती थी, वतर्मान में यहां सरकारी विद्यालय संचालित होता है। यह स्थान भी पर्यटन के लिहाज से लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
फैक्ट फाइल –
-2000 करोड़ का पर्यटन में प्रतिवर्ष हो रहा टर्न ऑवर
-250 छोटे-बड़े होटल हैं स्वर्णनगरी में
-50 रेस्टोरेंट्स वर्तमान में हो रहे है संचालित
-55 से अधिक रिसोर्ट्स मौजूद है सम और खुहड़ी में
– 5 लाख के करीब पर्यटक अब हर साल निहारने आते हैं जैसलमेर

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