script30 किसानों को दिया प्रशिक्षण | Training given to 30 farmers | Patrika News
जैसलमेर

30 किसानों को दिया प्रशिक्षण

30 किसानों को दिया प्रशिक्षण

जैसलमेरOct 27, 2021 / 02:43 pm

Deepak Vyas

30 किसानों को दिया प्रशिक्षण

30 किसानों को दिया प्रशिक्षण

पोकरण. कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण के सभागार में सरसों की वैज्ञानिक खेती विषय पर किसानों के लिए मंगलवार को संस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के छायण, दूधिया एवं एकां के 30 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में रबी मे बोई जाने वाली सरसों की शस्य वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ.बलबीरसिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए तिलहन प्रथम पंक्ति प्रदर्शनों के प्रतिभागी किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों को फसल उत्पादन के लिए प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि किसान प्रदर्शन मे बताई जाने वाली बुआई से लेकर कटाई तक की तकनीकों को खेत पर स्वयं अपनाएं, जिससे कि क्षेत्र के अन्य किसान उनके परिणामों को ‘देख कर करनाÓ के सिद्धांत के आधार पर संपूर्ण तकनीक को ग्रहण कर सकें एवं आय में वृद्धि कर सकें। शस्य वैज्ञानिक डॉ.कृष्णगोपाल व्यास ने बताया कि सरसों के अधिक उत्पादन के लिए किसान नवीनतम किस्मों का चयन करें। साथ ही बीज उपचार के लिए 2 ग्राम कार्बेण्डाजिम दवा प्रति किलोग्राम बीज की दर से काम में लें तथा पौधों के उचित विकास के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेमी रखते हुए बीज की बुआई करें। उचित खाद एवं उर्वरक प्रबंधन के लिए तीन किलो तत्व गंधक या 16 किलो जिप्सम को 2-3 टन सड़ी हुई कम्पोस्ट खाद के साथ प्रति बीघा के हिसाब से तीन सप्ताह पूर्व खेत मे मिलाएं तथा 16 किलो यूरिया के साथ 33 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग बुआई के समय करें। शेष 16 किलो यूरिया का उपयोग प्रथम सिंचाई के समय छिड़ककर करें। उन्होंने बताया कि सिंचाई प्रबंधन के लिए क्रांतिक अवस्थाओं पर पहली सिंचाई शाखाएं बनते समय, दूसरी फूल व फली लगते समय तथा तीसरी फली व दाने बनते समय करना अतिआवश्यक होता है। यदि सिंचाई जल की पर्याप्त उपलब्धता हों तो बुआई के बाद पांच सिंचाइयां की जा सकती है। उन्होंने सरसों में खरपतवार व कीट एवं रोग नियंत्रण के बारे में भी जानकारी दी। कृषि विस्तार वैज्ञानिक डॉ.सुनीलकुमार शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में किसान ग्राम स्तर पर कृषक रुचि समूह बनाकर सरसों में मूल्य संवर्धन कर एवं मूल्य संवर्धित उत्पादों के श्रेणीकरण, पेकेजिंग जैसी तकनीकों को अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकते है।

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