पोकरण में किसानों को दिया प्रशिक्षण
किसानों को दिया प्रशिक्षण
पोकरण में किसानों को दिया प्रशिक्षण
पोकरण. कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषि में सूचना एवं संचार साधनों के उपयोग विषय पर किसानों के लिए संस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। शिविर में दूधिया, रामपुरा, चौक व रामदेवरा के 20 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि फसलों के लिए खेत की तैयारी से लेकर फसल बेचने तक की कृषि क्रियाओं में तकनीकी ज्ञान के अभाव में कई बार किसानों को नुकसान हो जाता है। इन सभी तरह के नुकसानों से बचने के लिए किसानों को खेती से संबंधित उन्नत तकनीकों तथा नवाचारों के बारे में समय पर जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने कृषि नवाचारों से संबंधित प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं, कॉल सैंटर आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के इस सूचना तकनीकी के युग में किसान की ओर से संचार साधनों जैसे कृषि व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज, केविके पोर्टल, फार्मर पोर्टल, गूगल, यू-ट्यूब, ई-कॉमर्स वेबसाइट, कृषि एप, किसान सुविधा, सीएचसी फार्म मशीनरी, किसान एप, कृषि आईक्यू, ई-नाम आदि का उपयोग कर उन्नत कृषि तकनीकों एवं नवाचारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कृषि कार्यक्रम जैसे खेतीबाड़ी, कृषि दर्शन, बागवानी इत्यादि भी तकनीकी सूचनाएं प्राप्त करने के लाभदायी साधन है। शस्य वैज्ञानिक डॉ.केजी व्यास ने सरसों फसल के अधिक उत्पादन के लिए उन्नत तरीकों जैसे नई उन्नत किस्मों का चयन, बीज उपचार, बुआई की तकनीक, खरपतवार प्रबंधन और कीट एवं रोग नियंत्रण आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ.बबलू शर्मा ने सरसों में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन अपनाने पर जोर दिया। गृह वैज्ञानिक डॉ.चारु शर्मा ने तिलहनी फसलों में मूल्य संवर्धन के बारे में किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसान तिल, सरसों, मूंगफली आदि तिलहन फसलों से तेल तथा खली को अलग कर ग्रेडिंग एवं आकर्षक पैकेजिंग कर अधिक मुनाफा कमा सकता है।
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