रसिया से पोकरण के दो छात्र कर रहे मदद की गुहार
– मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे रसिया- अब सता रहा संक्रमण का खतरा
रसिया से पोकरण के दो छात्र कर रहे मदद की गुहार
पोकरण. रसिया के केमेरोन में दिनोंदिन कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ पोकरण मूल के दो विद्यार्थी, जो एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे, वहां अटक कर रह गए है। अब उन्हें संक्रमण के खतरे के साथ भोजन की कमी का खतरा उत्पन्न होने का भय सता रहा है। इस संबंध में छात्रों के परिजनों ने सरकार से उन्हें भारत बुलाने की गुहार लगाई है। छात्रों के वहां अटकने व उनकी हालत से यहां बैठे परिजन भी चिंतित हो रहे है। गौरतलब है कि रसिया के केमेरोन में स्थित स्टेट मेडिकल कॉलेज में भारतीय मूल के सैंकड़ों विद्यार्थी अध्ययन करते है। जोधपुर मारवाड़ क्षेत्र के करीब 180 विद्यार्थी वहां अध्ययनरत है। अब कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उनकी व परिजनों की सांसे अटक गई है।
यह हो रही है परेशानी
रसिया में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए पोकरण से कपिल पुत्र अनिल शर्मा व रितिक पुत्र कैलाश व्यास गए हुए है। इन छात्रों के परिजनों ने बताया कि रसिया में दिनोंदिन कोरोना वायरस संक्रमण फैलता जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके छात्रावास में मेडिकल जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। हर कोई इधर उधर घूम रहा है। जिससे संक्रमण फैल सकता है। उन्होंने बताया कि छात्रावास में राशन सामग्री, मास्क, सैनेटाइजर सहित अन्य सामान के लिए भारतीय मूल की बजाय रसिया के छात्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। यदि रसिया में लॉक डाउन हो जाता है, तो भारतीय मूल के छात्रों के लिए भोजन का संकट भी उत्पन्न हो जाएगा। यूनिवर्सिटी की ओर से भी छात्रों को स्वयं सुरक्षा के लिए कहा गया है।
अब लगा रहे है पुन: भारत आने की गुहार
विद्यार्थियों की विकट हालत देखकर परिजनों के बेहाल हो रहे है। परिजनों की ओर से राजस्थान व भारत सरकार के मंत्रियों से उन्हें पुन: बुलाने की गुहार लगाई जा रही है। इस संबंध में परिजनों ने केन्द्र सरकार के केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत व राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण विभाग मंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर बच्चों को एयरलिफ्ट कर भारत लाने की मांग की गई है।
किया जाएगा प्रयास
पोकरण व आसपास क्षेत्र के कई छात्र बाहर विदेशों में अध्ययन के लिए गए हुए हैै। जिन्हें पुन: भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय में बात की जा रही है। उन्हें पुन: लाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।
शाले मोहम्मद, मंत्री अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग विभाग व विधायक पोकरण।