scriptपशु चिकित्सालय बंद, इलाज के अभाव में गोवंश हो रहे काल का ग्रास | Veterinary hospital closed due to lack of treatment | Patrika News
जैसलमेर

पशु चिकित्सालय बंद, इलाज के अभाव में गोवंश हो रहे काल का ग्रास

– चिकित्सकों की कमी, समाजसेवी कर रहे प्रयास

जैसलमेरAug 04, 2022 / 08:24 pm

Deepak Vyas

पशु चिकित्सालय बंद, इलाज के अभाव में गोवंश हो रहे काल का ग्रास

पशु चिकित्सालय बंद, इलाज के अभाव में गोवंश हो रहे काल का ग्रास

नोख. जैसलमेर, जोधपुर व बीकानेर तीन जिलों की त्रिवेणी पर स्थित नोख उपतहसील मुुख्यालय पशु चिकित्सालय लंबे समय से बंद पड़ा है। ऐसे में लंपी स्कीन वायरस की बीमारी के कारण गोवंश की मौत हो रही है। कहने को गांव में राजकीय पशु चिकित्सालय प्रथम श्रेणी स्थित है, लेकिन हालात पशुकेन्द्र से भी बद्तर बने हुए है। पशु चिकित्सालय में स्वीकृत पद रिक्त पड़े है और यहां कोई कर्मचारी व चिकित्सक कार्यरत नहीं है। ऐसे में यह पशु चिकित्सालय नाम का ही रह गया है। इलाज के अभाव में प्रतिदिन बड़ी संख्या में गोवंश व अन्य पशुधन मौत के मुंह में जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार उदासीन बने हुए है। गांव में स्थित पशु चिकित्सालय न केवल नोख, बल्कि आसपास के जोधपुर, बीकानेर व जैसलमेर जिलों के दर्जनों गांवों व ढाणियों के हजारों पशुधन के इलाज का एकमात्र केन्द्र है। अस्पताल बंद होने के कारण लंपी स्कीन वायरस के संकट में पशुपालकों को परेशानी हो रही है। इलाज के अभाव में पशुधन काल का ग्रास होते जा रहे है। जबकि जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए है।
सरकार कर रही नि:शुल्क का दावा, यहां कौन बताएं दवाएं
सरकार की ओर से लोगों के साथ पशुओं के लिए नि:शुल्क दवाओं के वितरण के दावे किए जा रहे है। यहां हालात यह है कि पशुपालक अपने बीमार पशुधन का इलाज खुद के खर्च पर करवाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन उनके पशुओं की बीमारी की दवा बताने या लिखने वाला भी कोई नहीं है। ऐसे में पशुधन काल का ग्रास होते जा रहे है और जिम्मेदार उदासीन बने हुए है। लंबे समय से नोख पशु चिकित्सालय चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी के कारण बंद पड़ा है। लंपी स्कीन नामक गंभीर बीमारी के संक्रमणकाल के दौरान भी पशुपालन विभाग की ओर से यहां वैकल्पिक व्यवस्था करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
समाजसेवी आए आगे
क्षेत्र में फैली लंपी स्कीन बीमारी के उपचार को लेकर जिम्मेदारों की ओर से मुंह मोडऩे के बाद गांव के कुछ जागरुक लोग सामुहिक रूप से इलाज के प्रयास कर रहे है। गांव के गोरधनसिंह ने बीमारी से गोवंश को बचाने के लिए मुहिम चलाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों से सहयोग का आह्वान किया तथा सहयोग से मिली राशि से गोवंश का उपचार किया जा रहा है। हालांकि यह सहयोग बीमारी व संक्रमण को देखते हुए नाकाफी सिद्ध हो रहे है, लेकिन युवा लगातार प्रयास कर रहे है। जबकि जिम्मेदार अपनी जिम्मेवारी से मुंह मोड़ता नजर आ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो