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जैसलमेर

चारागाह के लिए आरक्षित भूमि पर डाल दी रेत, ग्रामीणों ने जताया ऐतराज

– मवेशी को होगी परेशान, ग्रामीणों ने जताया ऐतराज- चारागाह की भूमि को खाली छोडऩे की मांग को लेकर भेजे ज्ञापन

जैसलमेरAug 11, 2020 / 11:43 am

Deepak Vyas

चारागाह के लिए आरक्षित भूमि पर डाल दी रेत, ग्रामीणों ने जताया ऐतराज

चारागाह के लिए आरक्षित भूमि पर डाल दी रेत, ग्रामीणों ने जताया ऐतराज

पोकरण. मोराणी ग्राम पंचायत के पुरोहितसर के ग्रामीणों ने जिला कलक्टर ज्ञापन प्रेषित कर लवां रिण क्षेत्र में सौर ऊर्जा कंपनी की ओर से शर्तों का उल्लंघन कर कंपनी के पास स्थित चारागाह पर सैंकड़ों ट्रक रेत डालने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि पुरोहितसर गांव के खसरा संख्या 126, 187 में करीब 1700 बीघा भूमि सौर ऊर्जा उत्पादन कार्य के लिए एक कंपनी को आवंटित की गई है। तत्कालीन जिला कलक्टर के आदेशानुसार 29 मई को सौर ऊर्जा कंपनी के अधिकारियों, गांव के मौजीज लोगों, उपखंड अधिकारी के बीच आयोजित बैठक में ग्रामीणों की मांगों पर सहमति जताते हुए निर्धारित शर्तों पर भूमि का आवंटन किया गया था। जिसके अंतर्गत पुरोहितसर गांव के खसरा संख्या 49 में स्थित सिवायचक भूमि को गांव के पशुधन के लिए चारागाह बाबत छोडऩे का निर्णय लिया गया था। शासन उपसचिव राजस्व विभाग राजस्थान सरकार की ओर से भी सौर ऊर्जा प्लांट के प्रदुषण को देखते हुए 1500 मीटर की परिधि में पौधरोपण करने व पशुओं के लिए चारागाह छोडऩे का निर्णय लिया गया था। उन्होंने बताया कि गत दिनों सौर ऊर्जा प्लांट में जल संग्रहण के लिए डैम बनाने के दौरान सैंकड़ों ट्रक मिट्टी निकाली गई। उस मिट्टी को चारागाह के लिए सुरक्षित खसरा संख्या 49 में स्थित 334 बीघा भूमि पर डाल दिया गया।
क्षारीययुक्त मिट्टी से नहीं लगेगी घास, मवेशी का होगा बेहाल
गौरतलब हैै कि सौर ऊर्जा प्लांट क्षेत्र से निकलने वाली मिट्टी लवण उत्पादन क्षेत्र की होने के कारण क्षारीययुक्त है। इस खारी मिट्टी के कारण चारागाह क्षेत्र में पौधरोपण तो क्या घास का तिनका भी नहीं उगेगा। ऐसी स्थिति में यह संपूर्ण भूमि बंजर, क्षारयुक्त व अनउपजाऊ हो जाएगी। इसी प्रकार सौर ऊर्जा प्लांट क्षेत्र से निकाली गई मिट्टी लवां, सत्तासर, पुरोहितसर जाने वाले आम रास्तों व डामर सड़कों के दोनों तरफ डाली गई है। यह चिकनी मिट्टी ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बाबत सौर ऊर्जा अधिकारियों को कई बार ग्रामीणों की ओर से चारागाह क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि पर मिट्टी नहीं डालने की मांग की गई थी, लेकिन उनकी ओर से ग्रामीणों की मांग को दरकिनार कर चारागाह के लिए आरक्षित खसरा संख्या 49 में मिट्टी के ढेर जमा कर दिए गए। जिससे ग्रामीणों व पशुपालकों के लिए परेशानी हो गई है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत डिडाणिया की ओर से पूर्व में मनरेगा से निर्माण करवाई गई ग्रेवल सड़क को भी आवागमन के लिए खुला नहीं छोड़ा गया। उन्होंने अपने ज्ञापन में बताया कि कंपनी की ओर से शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने चारागाह के लिए आरक्षित भूमि पर डाली गई मिट्टी को हटाने व मनरेगा से बनाई गई ग्रेवल सड़कों को खुलवाने की मांग की है।

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