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जैसलमेर

पत्रिका स्टिंग: जब शहर सोता है तो अस्पताल रोता है….

जैसलमेर जिले के दूसरे सबसे बड़े राजकीय जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का आलम इस कदर है कि मरीजों व परिजनों का बेहाल हो रहा है, जबकि जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है। राजकीय जिला चिकित्सालय में मंगलवार रात को जब राजस्थान पत्रिका की टीम पहुंची तो हालात बद्तर बने हुए थे।

जैसलमेरMay 15, 2024 / 08:54 pm

Deepak Vyas

pokaran news
जैसलमेर जिले के दूसरे सबसे बड़े राजकीय जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का आलम इस कदर है कि मरीजों व परिजनों का बेहाल हो रहा है, जबकि जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है। राजकीय जिला चिकित्सालय में मंगलवार रात को जब राजस्थान पत्रिका की टीम पहुंची तो हालात बद्तर बने हुए थे। महिलाओं व बच्चों के वार्ड में पुरुष बैड पर सो रहे थे तो गलेरी में कचरे के ढेर लगे थे। यही नहीं भर्ती मरीजों के लिए लगाए गए कूलर डक गर्म हवा फैक रहे थे तो कर्मचारियों के लिए लगाए कूलर में पानी लबालब भरा था। इस हालात में मरीजों का भीषण गर्मी में बेहाल हो रहा था। गौरतलब है कि पोकरण में जिला स्तर का राजकीय अस्पताल स्थित है। इसमें कस्बे के साथ ही दूर दराज गांवों व ढाणियों से प्रतिदिन 800 से अधिक मरीज अपने उपचार के लिए पहुंचते है। साथ ही 70 से 80 मरीज भर्ती रहते है। अस्पताल में प्रतिदिन आठ से दस महिलाओं के प्रसव भी होते है और जच्चा व बच्चा को सामान्य रूप से दो से तीन तक भर्ती भी रखा जाता है। अस्पताल में अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों और उनके साथ आने वाले परिजनों को भी परेशानी से रु-ब-रु होना पड़ता है।

जच्चा-बच्चा वार्ड में बैड पर सो रहे पुरुष

अस्पताल के जब जच्चा-बच्चा वार्ड में पुरुषों का प्रवेश निषेध रहता है। इस कारण जब द्वार से अंदर देखा तो एक बैड पर पुरुष सो रहा था और दो-तीन अन्य पुरुष बैठे व घूम रहे थे। इस वार्ड में प्रसव पीडि़ता व प्रसूताएं भर्ती रहती है। साथ ही नवजात शिशु भी इसी वार्ड में होते है। केवल महिलाओं के लिए प्रवेश होने के बावजूद पुरुष वार्ड में आवाजाही करते है और कई बार रात के समय पुरुष सोते भी यहीं है।

गंदगी का साम्राज्य

अस्पताल की गेलरी में कचरा व गंदगी बिखरी पड़ी थी। यहां रखे कचरा पात्र भी ओवरलोड थे और कचरा बाहर बिखर रहा था। ऐसे में सफाई व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में दिन में कितनी बार सफाई होती है। यही हालात वार्डों में भी थे। यहां भी कचरा व गंदगी बिखरी पड़ी थी।

हकीकत यह भी

अस्पताल में पीछे की तरफ मेल व फिमेल भर्ती वार्ड स्थित है। यहां मरीजों की सुविधा के लिए कूलर डक लगे हुए है। मंगलवार रात इन डक से तपती गर्म हवा आ रही थी। भीषण गर्मी के मौसम में गर्म हवा के कारण मरीजों का बेहाल हो रहा था, जबकि नर्सिंग कक्ष, दवा वितरण कक्ष देखा तो यहां कूलर पानी से लबालब भरे हुए थे। जब एक कूलर में पानी भर रहे कर्मचारी से पूछा तो उसने बताया कि छत पर लगे डक कूलर में पानी चढ़ाना मुश्किल हो रहा है। इस कारण कभी दिन में पानी भर देते है। इन दिनों भीषण गर्मी के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। ऐसे में रात के समय कूलर में पानी नहीं भरने के कारण मरीजों का बेहाल हो जाता है।

फैक्ट फाइल

  • 1 वर्ष पूर्व जिला चिकित्सालय में किया गया क्रमोन्नत
  • 800 से अधिक मरीज प्रतिदिन आते है उपचार करवाने
  • 70 मरीज रहते है हर समय भर्ती

करेंगे सुधार

पुराने डक कूलर खराब हो गए है, उनकी जगह नए लगाए जाएंगे। सफाई व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। चौकीदार की व्यवस्था है, उसे सुरक्षा को लेकर पाबंद किया जाएगा।
  • डॉ.अनिल गुप्ता, प्रमुख चिकित्साधिकारी राजकीय जिला चिकित्सालय, पोकरण

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