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जैसलमेर

जहां से देश को मिला ‘जय विज्ञान’ का नारा, वहीं विज्ञान ‘बेसहारा’ !

-परमाणु नगरी में विज्ञान संकाय की उच्च शिक्षा के नहीं प्रबंध-डेढ़ दशक से न महाविद्यालय क्रमोन्नत हुुआ और न मिला विज्ञान संकाय- हर वर्ष 400 छात्र-छात्राएं विज्ञान की उच्च शिक्षा के लिए झेलते हैं परेशानी

जैसलमेरJul 09, 2020 / 10:20 pm

Deepak Vyas

जहां से देश को मिला 'जय विज्ञान' का नारा, वहीं विज्ञान 'बेसहारा' !

जहां से देश को मिला ‘जय विज्ञान’ का नारा, वहीं विज्ञान ‘बेसहारा’ !

पोकरण. परमाणु परीक्षण के साथ देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान बनाने के साथ जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा देने वाले पोकरण क्षेत्र में खुद विज्ञान की उच्च शिक्षा का बुरा हाल हो रहा है। परमाणु नगरी के तौर पर पहचान बना चुके पोकरण में डेढ़ दशक से न तो महाविद्यालय क्रमोन्नत हुआ और न ही यहां विज्ञान संकाय ही खुल पाया है। गौरतलब है कि वर्ष 2006 में पोकरण को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि मिली तथा यहां उच्च शिक्षा के लिए राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गई। इसके बाद डेढ़ दशक बाद भी न तो शिक्षण व्यवस्था में कोई विशेष सुधार हुआ, न ही महाविद्यालय के स्तर में क्रमोन्नति मिल सकी। गौरतलब है कि पोकरण में एक राजकीय महाविद्यालय व एक राजकीय कन्या महाविद्यालय स्थित है। राजकीय महाविद्यालय में कला व वाणिज्य संकाय संचालित होता है तथा कन्या महाविद्यालय में दो वर्गों में मात्र कला संकाय संचालित हो रहा है। पोकरण में स्नातकोत्तर स्तर का कोई महाविद्यालय नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष सैकड़ों विद्यार्थियों को जैसलमेर अथवा जोधपुर जाना पड़ रहा है या स्वयंपाठी के रूप में अध्ययन करना पड़ रहा है। विशेष रूप से बालिकाओं को शिक्षण कार्य अधूरा छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बावजूद इसके सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यह है महाविद्यालय का इतिहास
– 2006 में पोकरण में राजकीय महाविद्यालय की सुविधा शुरू हुई।
– तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से यहां आशापुरा से जैसलमेर जाने वाले मार्ग पर महाविद्यालय के लिए नींव रखी गई तथा उसका लोकार्पण भी किया गया।
-शुरुआत में यहां केवल एक कला संकाय संचालित होता था। वर्ष 2008 से 2013 मेंयहां वाणिज्य संकाय की शुरुआत की गई।
– महाविद्यालय के कला संकाय प्रथम वर्ष में 80 व वाणिज्य संकाय प्रथम वर्ष में 80 सीटें है। हर वर्ष दोनों संकायों में करीब 200 विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है।

नहीं है विज्ञान संकाय
स्थानीय राजकीय महाविद्यालय में गत डेढ़ दशक से विज्ञान संकाय की मांग की जा रही है। पोकरण व भणियाणा उपखंड क्षेत्र की बात की जाए, तो यहां उच्च माध्यमिक स्तर के 54 राजकीय व एक दर्जन निजी विद्यालय स्थित है। इनमें से राजकीय व निजी मिलाकर एक दर्जन विद्यालयों में विज्ञान वर्ग संचालित होता है। एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष करीब 800 विद्यार्थी विज्ञान विषय से 12वीं उत्तीर्ण करते है। दूसरी तरफ पोकरण में विज्ञान संकाय नहीं होने के कारण इन विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए जैसलमेर अथवा जोधपुर जाना पड़ रहा है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
स्नातकोत्तर की भी दरकार
पोकरण में एक राजकीय महाविद्यालय व एक राजकीय कन्या महाविद्यालय स्थित है। साथ ही एक निजी डिग्री कॉलेज भी है। ऐसे में प्रतिवर्ष 400 से अधिक छात्र छात्राएं स्नातक की पढ़ाई पूर्ण कर आगे की कक्षा में अध्ययन की रुचि रखते है, लेकिन स्नातकोत्तर नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को अन्यंत्र जाना पड़ रहा है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा में रुचि रखने वाली बालिकाओं को मजबूरन पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ रही है। इस ओर जिम्मेदारों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
फैक्ट फाइल:-

– 400 विद्यार्थी प्रतिवर्ष स्नातक की पढ़ाई पूर्ण कर स्नातकोत्तर में प्रवेश केे रहते है इच्छुक
– 800 विद्यार्थी प्रतिवर्ष विज्ञान विषय से 12वीं करते है उत्तीर्ण
– 2 राजकीय व एक निजी डिग्री कॉलेज स्थित है पोकरण क्षेत्र में

की गई है मांग
राजकीय महाविद्यालय में विज्ञान संकाय शुरू करने तथा स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत करने की दरकार है। जिसको लेकर पूर्व में कई बार उच्चाधिकारियों व सरकार को अवगत करवाया गया है। यदि सरकार दोनों मांगे पूरी करती है, तो क्षेत्र के सैंकड़ों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
-डॉॅ. गिरधारीलाल जयपाल, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय, पोकरण

सीएम से मिलकर किए प्रयास करेंगे
राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य व क्षेत्र के विद्यार्थियों ने इस संबंध में अवगत करवाया है। इस बारे में उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी से बातचीत की गई है। उनकी ओर से मांग पूरी करने का पूरा आश्वासन दिया गया है। शीघ्र ही मुुख्यमंत्री से मिलकर महाविद्यालय को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत करने व विज्ञान संकाय शुरू करने की मांग की जाएगी।
-शाले मोहम्मद, विधायक पोकरण व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री

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