यहां किराणा दुकान की तरह गांवों में चल रही मेडिकल शॉप, बिक रही नशीली दवा
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चितलवाना. इसे पुलिस व प्रशासन की उदासीनता कहें या आमजन में जागरुकता का अभाव। गांव में बिना लाइसेंस के किराणा की दुकान की तरह मेडिकल दुकान खोलकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार मौन धारण किए बैठे हैं। उपखण्ड के हर गांव में अवैध रूप से मेडिकल खोलकर धड़ल्ले से दवा बेची जा रही है। ऐसे में गांवों के भोले-भाले व अनपढ़ लोग भी उनके बहकावे में आकर स्वास्थ्य बिगाड़ रहे हैं। ऐसे बिना लाइसेंस के चल रही इन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने वाला जिम्मेदार महकमा व प्रशासन मौन धारण किए बैठा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही सांचौर व जालोर से पुलिस ने हजारों की मात्रा में नशीली दवाएं बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद जिले भर में औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अवैध मेडिकल संचालित होने के साथ ही नशीली दवाएं भी बेची जा रही है।
अनपढ़ लोगों की जेब पर डाका
गांवों में बीमार पडऩे पर अनपढ़ लोगों को बीमारी के बहाने मेडिकल की दुकान से डॉक्टर की बिना पर्ची के ही दवा देकर इलाज शुरू कर दिया जाता है। जिससे कई बार गलत ट्रीटमेंट से ना केवल उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होता है, बल्कि उनकी जेब भी काटी जा रही है।
नहीं हो रही कार्रवाई
नेहड़ सहित क्षेत्र के कई गांवों में दर्जनों मेडिकल स्टोर बिना लाइसेंस व फार्मासिस्ट के चल रहे हैं। ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ना तो प्रशासन ने पहल की है और ना ही औषधि नियंत्रक ने। जिसके कारण ग्रामीण जनता आज भी इलाज के नाम पर लुट रही है।
इनका कहना…
बिना लाइसेंस चल रही मेडिकल दुकानों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में तुरन्त की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
– नगाराम गुर्जर, तहसीलदार, चितलवाना
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