कंवला ग्राम के चीमा ग्रेनाइट की गुणवत्ता और विशेष प्रकार की ठोस होने के कारण सदैव जालोर की ग्रेनाइट इकाइयों की इसकी मांग रहती हैं। लगातार बढ़ती मांग के कारण कंवला और इसके आस-पास ग्रेनाइट खदानों की संख्या बढ़ती जा रहीं हैं। कंवला ग्राम की पहाडिय़ों से निकलने वाले ग्रेनाइट की मांग को देखते हुए इन पहाड़ों के आस-पास की भूमि में से भी ग्रेनाइट की खदानें शुरू हो चुकी हैं। वर्तमान में कंवला, ओलानगरी, सुगालिया सिंधलान, चवरड़ा के बाद अब पास के वलदरा, रूण्डमाल की ढाणी, भूती तथा पड़ोसी जिले के सीमावर्ती साकदड़ा ग्राम में भी बड़ी संख्या में ग्रेनाइट खदानों का उदय हुआ है। लेकिन गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता के मामले में आज भी कंवला के चीमा ग्रेनाइट की कोई होड़ नहीं कर पाया है। जालोर के सीमावर्ती कंवला सहित इन आस-पास के गांवों में हिल में बड़ी संख्या में ग्रेनाइट की खदाने हैं।
देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल, नवीं मुंबई के रेलवे स्टेशन सहित कई पार्क में चीमा ग्रेनाइट का प्रयोग किया जा चुका है। मुंबई के अलावा नई दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, अहमदाबाद जैसे बड़े महानगरों में भी चीमा ग्रेनाइट की धाक हैं।