मेहता बताते हैं कि खुशी का दिन था इसलिए वह अपने दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने गई थी। उसे क्या पता था कि यह होटल अवैध है। वह खुशबू की मौत के बाद वहां पहुंचे तो देखा सिर्फ प्लास्टिक और बांस की छत थी। सिर्फ कांच का बना था। वहां अवैध हुक्काबार भी चल रहा था। इसी अव्यवस्था की वजह से हादसा हुआ। मेहता ने बताया कि खुशबू की छोटी बहन चेरी ने पूरा मंजर देखा है और उस समेत पूरा परिवार सदमे में है। मुम्बई में इस तरह की अव्यवस्थाओं की कल्पना नहीं की जाती। हमारे बच्चों की इस तरह की मौत के जिम्मेदार बक्शे नहीं जाने चाहिए।
मिलनसार हैं परिवार
सांचौर में इनके पड़ोसी सजन शर्मा का कहना है कि दोनों ही परिवार बहुत ही मिलनसार हैं। यह परिवार जयेश और खुशबू की शादी के लिए सांचौर आए थे। यहां सबसे स्नेहपूर्णव्यवहार था। इनके बच्चे मुम्बई में ही पढ़े। मृतकाओं के परिजनों के परिचित सांचौर के महेन्द्रसिंह राव ने बताया कि यह हादसा काफी पीड़ादायक है और दोनों ही परिवारों के लिए आघात है। वे दोनों ही बेटियों को जानते थे, जो बहुत ही हंसमुख, मिलनसार और अच्छी थीं। खुशबू शादी के बाद अहमदाबाद सैटल हुई थी, लेकिन बाद में बिजनेस के चलते वे करीब एक साल पहले फिर से मुम्बई आ गए।
सांचौर में इनके पड़ोसी सजन शर्मा का कहना है कि दोनों ही परिवार बहुत ही मिलनसार हैं। यह परिवार जयेश और खुशबू की शादी के लिए सांचौर आए थे। यहां सबसे स्नेहपूर्णव्यवहार था। इनके बच्चे मुम्बई में ही पढ़े। मृतकाओं के परिजनों के परिचित सांचौर के महेन्द्रसिंह राव ने बताया कि यह हादसा काफी पीड़ादायक है और दोनों ही परिवारों के लिए आघात है। वे दोनों ही बेटियों को जानते थे, जो बहुत ही हंसमुख, मिलनसार और अच्छी थीं। खुशबू शादी के बाद अहमदाबाद सैटल हुई थी, लेकिन बाद में बिजनेस के चलते वे करीब एक साल पहले फिर से मुम्बई आ गए।
कांग्रेस के नेता हैं दादा
मृतका खुशबू के दादा बाबूलाल मेहता मुम्बई में सांचौरी जैन समाज के अध्यक्ष हैं और वहां कांगे्रस के प्रभावी नेता है। पार्टी में वे दक्षिण मुम्बई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे सांचौर के चौपनिया वास निवासी हैं, लेकिन मुम्बई में इनका मैटल का व्यवसाय है। प्रवासियों की हरसंभव मदद के लिए तैयार रहते हैं। उनके परिवार में इस हादसे की खबर से प्रवासी भी सकते में हैं। प्रवासियों में दिनभर यह विषय का चर्चा में रहा।
मृतका खुशबू के दादा बाबूलाल मेहता मुम्बई में सांचौरी जैन समाज के अध्यक्ष हैं और वहां कांगे्रस के प्रभावी नेता है। पार्टी में वे दक्षिण मुम्बई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे सांचौर के चौपनिया वास निवासी हैं, लेकिन मुम्बई में इनका मैटल का व्यवसाय है। प्रवासियों की हरसंभव मदद के लिए तैयार रहते हैं। उनके परिवार में इस हादसे की खबर से प्रवासी भी सकते में हैं। प्रवासियों में दिनभर यह विषय का चर्चा में रहा।
शांतिनगर में रहता है किंजल का परिवार किंचल सांचौरी व्यापार संघ के अध्यक्ष भोपालचंद मेहता के पोते की बहू थीं। किंजल का परिवार शांतिनगर में रहता है। बाबूलाल और भोपालचंद मेहता दोनों ही सांचौर अक्सर आते हैं और व्यापारियों तथा समाज के हितों को लेकर सक्रिय रहते हैं। सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में इनकी सक्रियता रहती है।