खेल-खेल में हो गया हादसा हादसा सामत खां के कृषि कुएं पर बोरवेल की मोटर खराब हो जाने से उसे बाहर निकालकर उस पर तगारी ढक दी थी। 19 माह की बच्ची शमी पुत्री सामत खान कोरी खेलते खेलते इस बोरवेल के पास पहुंच गई। इस दौरान उसने तगारी को ऊपर से हटा दिया और बच्ची उसमें गिर गई। बच्ची की रोने के आवाज सुनाई देने के बाद परिजन मौके पर पहुंचे, जहां तगारी गिरी हुई थी और उसमें बच्ची के गिरने के आभास हुआ। इधर, घटना की सूचना मिलने पर बागोड़ा पुलिस मौके पर पहुंची। जिसके बाद सूचना पर मेडिकल टीम भी पहुंची और बोरवेल में ऑक्सीजन सिलेंडर से देना शुरू किया गया। इधर, घटना के करीब तीन घंटे बाद ट्यूबवैल का काम करने वाले एक ग्रामीण ने अपने स्तर पर वॉटर प्रूफ कैमरे की व्यवस्था की, जिसे केबल की सहायता से बोरवेल में उतारा गया। जिससे बच्ची के फुटेज जुटाए गए। देर रात एसडीएम बागोड़ा ने कैमरे से मिले फुटेज के आधार पर बच्ची की मौत की पुष्टि हो गई।
ट्रेक्टर से की रोशनी की व्यवस्था रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से राहत कार्य में दिक्कत का सामना करना पड़ा। जिसके कारण ग्रामीणों ने टै्रक्टर से रोशनी की व्यवस्था की।जानकारी के अनुसार ट्यूबवैल खोलने के दौरान सप्लाई के तार जमीन पर बिखरे पड़े होने से करंट फैलने के डर से रोशनी की व्यवस्था नहीं की जा सकी।
जालोर में पहला मामला खुले पड़े बोरवेल में बच्चों के गिरने के देश समेत राज्य में कई किस्से हो चुके हैं, लेकिन जालोर जिले में यह पहला मामला था, जिसमें प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ी, वहीं बच्ची को जान से हाथ धोना पड़ा।
महत्वपूर्ण सहयोग रहा सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में यह सामने आ गया था कि बच्ची की मौत हो चुकी है। इस स्थिति में परिवार वालों से बात की गई। जिसके बाद यह तय किया गया कि यदि बोरवेल की खुदाई कर बच्ची के शव को निकाला गया तो काफी समय लग जाएगा। इस स्थिति में मेडा गांव के मादाराम सुथार ने अपने स्तर पर तकनीक से बच्ची को करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाला। सवेरे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
– चूनाराम, एसडीएम, बागोड़ा