मालूम हो कि जिला अनंतनाग ( Anantnag ) में सुरक्षाबलों ने 8 जुलाई 2016 एक लंबी मुठभेड़ के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था। वानी का नाम कश्मीर में आज सबकी जुबान पर है। इस स्थानीय कमांडर पर 10 लाख रूपये का ईनाम था। 22 साल का बुरहान मरने के बाद कश्मीरी आतंकवाद का नया चेहरा बन गया। उसकी मौत को सुरक्षाबल बड़ी कामयाबी मान रहे थे परंतु उसकी मौत के बाद कई दिनों तक कश्मीर घाटी में हालात खराब रहे थे। हर साल उसकी बरसी पर आतंकवादी किसी वारदात की फिराक में रहते हैं लेकिन सुरक्षाबलों की चौकसी के कारण वे कभी कामयाब नहीं हो पाए।
इस बार भी आतंकी बाज नहीं आ रहे हैं। आतंकियों की ओर से बुरहान की बरसी के दिन पुलवामा जैसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही है। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। राज्य में इस समय अमरनाथ यात्रा के चलते बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आ रहे हैं। ऐसे में सुरक्षाबल और भी चौकस हो गए है। यात्रा को प्रभावित करने की आतंकियों की आशंका पहले ही जगजाहिर हो चुकी है। इसलिए प्रशासन की ओर से यात्रा में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है।