11 को होनी थी सुनवाई…
जम्मू टाडा कोर्ट ने मलिक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस को उन्हें 11 सितंबर तक कोर्ट के सामने पेश करने को कहा था। मलिक को कुछ महीने पहले ही पकड़ा गया था। अभी वह दिल्ली की जेल में है।
आइए जानते है क्या है पूरा मामला…
25 जनवरी 1990 को स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना और उनके तीन साथियों की श्रीनगर के बाहरी इलाके में हत्या कर दी गई थी। रावलपोरा में हुई इस घटना के लिए यासीन मलिक के नेतृत्व वाले आतंकियों को जिम्मेदार बताया जाता है। मलिक पर वायुसेना के जवानों पर घातक हमले की साजिश रचने का आरोप है।
साथियों को बचाते हुए शहीद हुए थे खन्ना
उस आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने बाद में पुलिस को बताया था कि खन्ना ने कार में आए आतंकवादियों के हमले से अपने साथियों को बचाने की कोशिश की। इस दौरान वह आतंकियों के बेहद खतरनाक स्वचालित हथियारों का निशाना बन गए।
सईद की बेटी के अपहरण में हाथ?
1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी मलिक का ही हाथ बताया जाता है।
कश्मीर में यासीन पर नहीं चल पाया टाडा
1995 में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने श्रीनगर में टाडा कोर्ट नहीं होने का हवाला देकर मलिक के खिलाफ केस की सुनवाई पर रोक लगा दी थी।
मलिक ने कोर्ट में लगाई गुहार
2008 में मलिक ने यह कहते हुए विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया कि उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई श्रीनगर में होनी चाहिए क्योंकि अमरनाथ यात्रा पर मचे बवाल के कारण उनकी सुरक्षा को खतरा है। दरअसल, हर साल आयोजित होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान बाहरियों को लीज पर जमीन देने के मुद्दे पर जम्मू और कश्मीर के लोगों के विचार धार्मिक आधार पर बंट गए थे।
कोर्ट ने रद्द किया आदेश
इस वर्ष 26 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 2008 में दो मुकदमों की सुनवाई श्रीनगर ट्रांसफर करने के सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर
तिहाड़ पहुंचे यासीन मलिक
जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए ने उन्हें आतंकवादियों और अलगाववादी संगठनों की फंडिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। अब करीब 30 साल बाद एजेंसी को मलिक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुति मिल गई है।