डीआइजी जम्मू-कश्मीर पुलिस सेंट्रल वीके बिरदी ने बताया कि पुलिस लंबे समय से इनकी तलाश में जुटी हुई थी। सबसे पहले एजाज अहमद शेख और उमर हमीद शेख को पकड़ा गया। इनसे पूछताछ करने पर अन्य साथियों की जानकारी मिली। इसके बाद इम्तियाज अहमद, साहिल फारुख गोजरी और नसीर अहमद मीर को भी गिरफ्तार किया गया। 8 जनवरी को श्रीनगर के हबक और 26 नवंबर 2019 को यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के सर सैय्यद गेट पर हुए ग्रेनेड अटैक में इनकी संलिप्तता सामने आई है। इनकी निशानदेही पर श्रीनगर में तलाशी अभियान चलाया गया। जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। पुलिस ने बताया कि एजाज, उमर, इम्तियाज और नसीर हजरतबल जबकि साहिल सौरा का निवासी है।
इस वजह से फैला रहे थे आतंक…
पुलिस का कहना है कि यह सभी आतंकी घाटी में भय का माहौल बनाए रखने के लिए प्रयासरत थे। व्यापारी अपनी दुकाने बंद रखे और कर्फ्यू सा महौल बना रहे इसके लिए यह आतंकी घटनाओं को अंजाम देते थे। मामले की जांच की जारी है।
डीएसपी भी हुआ था आतंकियों के साथ गिरफ्तार
बता दें कि इन दिनों बड़ी आतंकी साजिशों का पर्दाफाश हुआ है। कुछ दिनों पहले ही कुलगाम से हिजबुल आतंकियों के साथ पुलिस डीएसपी देविंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद आतंक की जड़ों की गहराई सामने आई। डीएसपी का नाम संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु के साथ भी जुड़ा है। उस पर आतंकियों से धन लेकर उन्हें शरण देने और बाहर भेजने का भी आरोप है। इसी के साथ हर एंगल से जांच एजेंसियां जानकारी प्राप्त करने में जुटी हुई है। आरोपी डीएसपी को बर्खास्त कर दिया गया। मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई है।