जिले में 1450 के लगभग आंगनबाड़ी केन्द्र है, जहां हजारों बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार दिया जाता था। लॉकडाउन के दौरान अब महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण आहार नहीं मिल रहा है। अब जिले में सभी बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पौष्टिक आहार बांट रहे है। इसी क्रम में जांजगीर वार्ड 17 में कार्यकर्ता सारिका राठौर द्वारा सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मध्यम व गंभीर कुपोषित हितग्राही के घर-घर जाकर सूखा राशन सामाग्री चावल, गेंहू, दाल व अन्य का वितरण किया गया। इसके अलावा सभी को घर से न निकलने के लिए कहा गया। बार-बार हाथ धोने व घर की सफाई करने पर जोर देने की बात कही गई।
छह साल तक के बच्चों के लिए है सुविधा
महिलाएं व बाल विकास विभाग की ओर से पहले 15 अप्रैल तक घरों में पौष्टिक आहार बांटने के आदेश दिए गए थे। लेकिन बाद में विभाग की डायरेक्टर ने ये आदेश 30 अप्रैल तक कर दिए हैं। दूध पिलाने वाली महिलाएं व 0 से 6 साल तक के बच्चों को उनके घरों में ही राशन की सुविधाएं मिलेगी।
घर-घर जाकर देंगे पौष्टिक आहार
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर सोयाबीन, मंूंगफली, मुरमुरा भूना चना और चने की दाल के साथ सूखा पोषाहार बच्चों को दिया जा रहा है। अब ये कार्यकर्ता 30 अप्रैल तक को पोषाहार घर-घर बांटेगे। जिससे बच्चों व गर्भवती महिलाओं को घरों में ही राशन की सुविधाएं प्राप्त होगी।