वास्तविक कीमत से तीन गुना अधिक डिब्बों में लिखा होता है जिससे ग्राहक गुमराह हो जाते है। यदि आप दीवाली पर बच्चों के लिए पटाखे खरीदने जा रहे हैं तो उनके दामों को लेकर कुछ सावधानी जरूर बरतें, अन्यथा दुकानदार आपसे कई गुना अधिक कीमत वसूल सकता है। पटाखे के जिस पैकेट की वास्तविक कीमत मात्र 50 रुपए है, उस पर 160 रुपए तक की कीमत छपी हुई है। जाहिर है ग्राहक को पैकेट पर छपी कीमत पर ही पटाखे बेची जाती है। मोलभाव करने पर दुकानदार डिस्काउंट की बात कहकर दस-बीस रुपए कम भी कर देता है तो भी ग्राहक से दोगुना मुनाफा वसूल लिया जाता है।
बाजार पर मौसम का असर, खुदरा व्यापारी फुटपाथ पर नहीं सजा सके दुकान, पटाखा व्यापारियों की बढ़ी परेशानी पटाखे की असली कीमत व पैकेट पर छपी कीमत में अंतर समझना काफी मुश्किल है, जिसके कारण अक्सर ग्राहकों को अधिक कीमत पर पटाखे खरीदने पड़ते हैं। जानकारों का मानना है कि जिस पटाखा के पैकेट पर 160 रुपए कीमत छपी है उसकी अधिकतम कीमत 60-70 रुपए ही है लेकिन पटाखों के सभी पैकेटों पर असली कीमत से दो से तीन गुना अधिक कीमत छपी हुई है। शहर में पटाखों की दुकान हाईस्कूल ग्राउंड में लगाई जाती है। हर साल दुकानों में इजाफा हो रहा है। इस वर्ष तकरीबन 32 से 33 दुकानें लगाई गई है। प्रशासन ने दुकान आबंटन के पहले अपना निर्धारित शुल्क ले लिया है। शहर के व्यापारियों ने इस सीजन में करीब 25 से 30 लाख रुपए का कारोबार होने की उम्मीद जताई है।
सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं
हाईस्कूल मैदान स्कूल में पटाखे की दुकान सज गई है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नहीं। एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी कर दी है। इसके अलावा कुछ भी व्यवस्था नहीं किया गया है। सुरक्षा को लेकर न ही रेत की और न ही फायर फाइटर की, इसे लेकर पालिका प्रशासन गंभीर नहीं। मैदान में 47 पटाखे दुकानें बिना किसी सुरक्षा के चल रही हैं। ऐसे में किसी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।