इस वर्ष की पहले दिन की बरसात के बाद से स्थिति इतनी भयावह है कि अब उस गली से लोग गुजरने से भी कतराते हैं पर मजबूरी है। डेंगू का प्रकोप शहर में देखा जा चुका है पर नगर पालिका प्रशासन को इस मोहल्ले से ऐसी कौन सी चिढ़ है कि वे इसका निराकरण करना ही नहीं चाहते। अब लोग नगरपालिका के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से पूछने को मजबूर हैं कि हमने आधे शहर को साफ पानी पिलाकर तो कोई गलती नहीं की। इसी मोहल्ले के बोर से आधे जांजगीर को पानी सप्लाई की जाती है। यहां पर ही नगरपालिका का बोर है। जहां से लोगों को पानी की सप्लाई की जाती है। लेकिन यहां के लोगों का दुर्भाग्य है कि आंदोलन के बाद भी नगरपालिका के अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं।
तीन माह पहले किए थे आंदोलन
मोहल्ले के लोगों ने इस बात को लेकर मोर्चा खोल दिया था कि तकरीबन एक दर्जन घरों के सामने नाली का गंदा पानी उनके घर के दहलीज पर ही जमा हो जाता है। इसकी शिकायत नगरपालिका को करते हुए आंदोलन किया था। उन्होंने यहां के बोर को बंद कर स्वीच यार्ड में ताला जड़ दिया था। इसके चलते आधे शहर के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा था। पानी नहीं मिलने की स्थिति में लोगों ने नगरपालिका के सामने गुहार लगाई तब नगरपालिका ने आनन-फानन में यहां की नालियों की सफाई कराई थी। इसके बाद तत्कालीन समय में कुछ दिनों के लिए समस्या खत्म हो चुका था। इसके बाद समस्या फिर जस की तस बनी हुई है। इसके चलते वार्ड के लोगों को फिर समस्या से जूझना पड़ रहा है।
नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे, नहीं सजेगी रंगोली
मोहल्ले के लोगों के घरों के सामने घुटने भर का कीचड़ है। इसके कारण लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि आखिरकार वे अपने घरों के सामने नवरात्रि, दशहरा व दिवाली में रंगोली कैसे सजाएंगे। यदि नगरपालिका ध्यान नहीं देगी तो लोग नारकीय जीवन जीने मजबूर होंगे। इससे पहले मोहल्ले के लोगों ने आपस में बैठक कर फिर से आंदोलन की रूप रेखा बना रहे हैं और अपनी मांगों का ज्ञापन सीएमओ को सौपेंगे।