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पुलिस विभाग में आज पूजा-पाठ के बाद हुई काम की शुरुआत, जंग खाते शस्त्रों को किया गया साफ, ये है परंपरा…

locationजांजगीर चंपाPublished: Oct 08, 2019 12:34:15 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Dussehra: दशहरा के दिन जिले के सभी थानों के अलावा पुलिस लाइन में मंगलवार को शस्त्र की पूजा की गई। सभी थाना के प्रभारियों ने शस्त्र पूजा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। थाना में पूजा पाठ के बाद पुलिस ने दशहरा के दिन काम की शुरूआत की।

पुलिस विभाग में आज पूजा-पाठ के बाद हुई काम की शुरुआत, जंग खाते शस्त्रों को किया गया साफ, ये है परंपरा...

पुलिस विभाग में आज पूजा-पाठ के बाद हुई काम की शुरुआत, जंग खाते शस्त्रों को किया गया साफ, ये है परंपरा…

जांजगीर.चांपा। विश्वकर्मा जयंती के दिन जिस तरह मशीनरी सामान की पूजा पाठ की जाती है। हरियाली के दिन हल व अन्य औजारों की पूजा की जाती है। ठीक उसी तरह दशहरा के दिन पुलिस विभाग भी अपने थानों के शस्त्रों की पूजा पाठ करती है। बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व दशहरा के दिन पुलिस विभाग में शस्त्र पूजा की परंपरा है। परंपरा का निर्वहन करते हुए हर थानों में मंगलवार को विधि विधान से शस्त्रों की पूजा पाठ कराई गई।
थानों में जंग खाते शस्त्रों की साफ-सफाई कराकर पूजा स्थल बनाकर उसमें रखा गया। पंठित के द्वारा मंत्रोचार कर पूजा पाठ की गई। पुलिस लाइन में पूजा कराते हुए आरआई मंजुलता केरकेट्टा ने बताया कि सुबह पंडित के द्वारा मंत्रोचार के साथ शस्त्रों की पूजा पाठ कराई गई। इस दौरान एसपी पारूल माथुरए एएसपी मधुलिका सिंहए एसडीओपी जितेंद्र चंद्राकरए हेडक्वार्टर डीएसपी निकोलस खलखो सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान पंडित के द्वारा एसपी पारूल माथुर को विधि विधान से शस्त्र पूजा कराई गई।
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पूजा पाठ का दौर तकरीबन एक घंटे तक चला। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की भीड़ रही। इसी तरह जैजैपुर थाना प्रभारी जीएस राजपूतए बाराद्वार थाना प्रभारी एमआर शर्मा सहित सभी थानों की पुलिस ने शस्त्र पूजा की।
इसी बहाने निकलती है शस्त्र
कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस को शस्त्र प्रदान कराई जाती है। अमूमन थानों में इंसास प्रदान किया जाता है। मैदानी क्षेत्र के थाने में रखे शस्त्र का उपयोग बहुत कम होता है। ये शस्त्र थानों में केवल शो.पीस बनकर रह जाते हैं। वहीं नक्सल क्षेत्र के शस्त्रों का उपयोग नियमित होता है। मैदानी क्षेत्र में सालों में कभी.कभार शस्त्र का उपयोग होता होगा। दशहरा के दिन इसी बहाने शस्त्रों की साफ.सफाई हो जाती है।

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