जिले के उपभोक्ताओं ने अब तक 130 करोड़ का बिजली बिल लटकाकर रख दिया है। यह आंकड़ों समूचे प्रदेश में टॉप पर है। यानी प्रदेश में सबसे अधिक बिजली का बिल पेंडिंग जांजगीर-चांपा जिले में है। वहीं सबसे अधिक लाइन लॉस इसी जिले में है। जिले के अधिकतर लोग लंगर की बिजली इस्तेमाल करते हैं वहीं दूसरी ओर बिजली का बिल पटाने में भी कोताही बरतते हैं। इतना ही नहीं जिले के लोगों को ही नई सरकार से सबसे बड़ी आस है कि यदि सरकार उनकी पुरानी बिल हाफ कर दे तो उन्हें बड़ी राहत होगी, लेकिन विभागीय अधिकारियों के पास अब तक इस दिशा में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है, जिसे लेकर लोगों के बीच कौतूहल का आलम है।
लोगों ने तो बीते माह से बिजली बिल पटाने के लिए कन्नी काट लिए हैं। क्योंकि अक्टूबर माह तक जहां जिले में पेंडेंसी 125 करोड़ थी वहीं नवंबर माह में यही पेंडेंसी 130 करोड़ तक जा पहुंचा है। लोगों को यही आस थी कि यदि सरकार बदलती है तो उनका भी बिजली बिल हाफ हो जाएगा। यही वजह है कि दिन-ब-दिन बिजली का बिल बढ़ता जा रहा है।
सबसे अधिक चांपा डिविजन में बकाया
सबसे अधिक चांपा डिविजन के लोगों ने बिजली का बिल लटका दिया है। जिले के सभी डिविजन मिलाकर जहां 60 करोड़ का बकाया है वहीं अकेले चांपा डिविजन के लोगों ने 60 करोड़ का बिजली बिल लटका दिया है। इसके चलते विभाग को भी बड़ा झटका लग रहा है। गौरतलब है कि चांपा डिविजन में एक दर्जन सर्किल है जहां बिजली बिल की अधिक पेंडेंसी है। उपभोक्ताओं को बिजली पटाने कहा जाता है लेकिन वे चुप्पी साधे बैठे हैं।
महिला कृषकों ने देखी टमाटर की हाईटेक खेती, आठ से दस फिट तक है पौधे की ऊंचाई
फसल कटाई के बाद उम्मीद
बताया जा रहा है कि अधिकतर बिजली बिल किसानों की है। इनसे विभाग को उम्मीद रहती है कि फसल कटाई के बाद किसान बिजली बिल पटा देंगे, लेकिन किसान भी चुप्पी साधे बैठे हैं। जबकि फसल कटाई को एक माह बीत गए। किसानों ने सोसायटी में धान बिक्री करना भी शुरू कर दिए हैं। इसके बाद भी बिजली का बकाया बिल नहीं पट रहा है।
बिजली बिल को लेकर आधी-अधूरी घोषणा
कांग्रेस ने बिजली बिल को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है। उन्होंने सिर्फ यह कहा है कि बिजली बिल हाफ होगा। यह हाफ बिल क्या पुरानी पेंडेंसी में होगा या फिर भविष्य के बिजली बिलों में हाफ करेंगे। इसकी स्पष्टता आने वाले भविष्य में तय होगा। फिलहाल विभागीय अधिकारी भी अपनी फाइल अपडेट करने में जुट गए हैं। ताकि सरकार क्या नीति बनाती है उस हिसाब से वे भविष्य की तैयारी करेंगे।
-बिजली बिल माफ या हाफ को लेकर शासन से अब तक कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है। जिले में अब तक 130 करोड़ का बिजली बिल बकाया है, जिसकी वसूली के लिए विभागीय अधिकारी लगे हुए हैं- एके अंबस्ट, कार्यपालन अभियांता, सीएसपीडीसीएल