रामखिलावन के कंधे से लगातार खून बह रहा था। रामखिलावन का साढू बुधराम यादव रिपोर्ट लिखाने जा रहा था तो रास्ते में उस पर भी विदेशी कंवर ने टांगी से हमला कर दिया। वह बेहोश होकर गिर गया। आसपास के लोग जब मौके पर पहुंचे तो वहां से फिर विदेशी कंवर भाग निकला। बाद में मौखिक शिकायत थाना में दर्ज कराया गया। जिस पर पुलिस ने धारा 324 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था। इसके बाद लगातार विदेशी कंवर फरार चल रहा था। पुलिस भी उसको ढूंढ़ नहीं पा रहा था। 14 साल बाद 2019 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायाय को प्रस्तुत किया। जिस पर सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास व 100-100 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर 5 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक संतोष कुमार गुप्ता ने पैरवी की।