चोरों के लिए छोड़ी बाइक
एसपी ने बताया कि आरोपी शंकर ने संदीप की हत्या करने के बाद पहले उसकी बाइक को किरोड़ीमलनगर रेलवे स्टेशन में छोड़ दिया। क्योंकि उसे पता था कि उक्त स्टेशन से अधिकांश बाइक की चोरी होती है। इसलिए उस बाइक को भी कोई चोर ले जाए सोच कर वह उसे वहीं छोड़ कर आ गया था।
साइकिल से शव को लगाया ठिकाना
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बाइक को किरोड़ीमलनगर स्टेशन पर छोडऩे के बाद वह पैदल घर आया। इसके बाद अपने घर में मृतक के धड़ को प्लास्टिक से लपेट दिया। वहीं पैर को भी एक बोरी में और सिर को दूसरे बोरी में भरकर पैक किया। इसके बाद पहले धड़ को साइकिल में लादकर जाकर जिंदल एयर स्ट्रीप के समीप स्थित जिंदल मानसरोवर डेम के पास फेंक दिया। इसके बाद वह फिर से घर आया और पैर को ले जाकर धड़ से कुछ दूर आगे मानसरोवर के पानी में फेंक दिया। फिर आखिरी बार में साइकिल से ही सिर को ले जाकर चिराईपानी रोड में एक पानी टंकी में फेंक कर वापस घर आ गया।
परिजन गए थे घटना स्थल देखने और उन्हें दिख गई पानी में तैरती बोरी
इधर पुलिस आरोपी को पकड़ कर हिरासत में ले चुकी थी। वहीं आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर पुलिस को अपने द्वारा फेंके गए शव के टुकड़ों की जानकारी भी दे दी थी। तब तक पुलिस ने मृतक के सिर को बरामद कर लिया था। सोमवार की दोपहर पुलिस जब तक मानसरोवर मृतक के पैर को ढूंढने पहुंचती इसी बीच मृतक के घर शोक मनाने आए उसके रिश्तेदार व परिजन मानसरोवर जहां संदीप का धड़ मिला था, उस स्थान को देखने पहुंचे। इसी बीच संदीप के एक रिश्तेदार ने देखा कि घटना स्थल से कुछ दूर आगे पानी में एक बोरी तैर रहा है, जिसमें मक्खियां बैठी हुई है और बहुत की बदबू आ रही है। इसके बाद घटना की सूचना कोतरारोड पुलिस को दी गई। चूंकि पुलिस को पहले से मालूम था कि धड़ वहां है, ऐसे में सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और काफी मशक्कत के बाद बोरी को पानी से निकाला गया। जिसमें मृतक के पैर, जूते व अन्य सामान थे।
60 घंटों में पुलिस की टीम को मिली सफलता
19 अक्टूबर की सुबह मानसरोवर के पास भगवानपुर निवासी संदीप सिंह का धड़ मिलने के बाद पुलिस भी सकते में आ गई थी। आरोपी के साथ-साथ मृतक के शव के अन्य हिस्सों को भी ढूंढना पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा ३०२, २०१ के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना कर रही थी। वहीं एसपी संतोष कुमार सिंह ने एएसपी अभिषेक वर्मा व सीएसपी अविनाश सिंह ठाकुर के सुपरविजन में पांच टीम का गठन किया था। जिसमें कोतरारोड टीआई रूपक शर्मा, कोतवाली टीआई एसएन सिंह, चक्रधर नगर टीआई युवराज तिवारी व जूटमिल चौकी प्रभारी अंजना केरकेट्टा के अलावा १०० से ज्यादा पुलिस के कर्मचारी शामिल थे। जोकि अलग-अलग क्षेत्र में सभी एंगल से हर पहलु को जांच कर रहे थे।