जुर्माने का भी है प्रावधान
मत्स्योद्योग अधिनियम १९७२ की धारा ३ की उपधारा २ के तहत प्रदेश सहित जिला के सभी नदी, नालो, छोटे-बड़े जलाशयों में मत्स्याखेट प्रतिबंधित है। इसके उल्लंघन पर एक वर्ष का कारावास अथवा 5 हजार जुर्माना या दोनो एक साथ किए जाने का प्रावधान है। लेकिन इनके द्वारा नियमों को ताक में ऐसा किया जा रहा है।
बाजार में भी मछली की हो रही बिक्री
प्रतिबंध बेअसर होने की वजह से बरसात के दिनों में भी बाजारों में लोकल मछली की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। मार्केट में कहीं भी लोग हरी सब्जियों के बीच में ही मछली बेचना शुरु कर देते हैं। प्रतिबंध लगने के बाद कार्रवाई नहीं होने से यह फरमान बेमतलब का साबित हो रहा है और मछली पकडऩे व बाजार में बेचने का काम जारी है।