scriptप्रशासनिक प्रतिबंध के बाद भी यहां खतरे में है मछलियों की जान, पढि़ए पूरी खबर | Fishing is banned here, but no action taken yet | Patrika News
जांजगीर चंपा

प्रशासनिक प्रतिबंध के बाद भी यहां खतरे में है मछलियों की जान, पढि़ए पूरी खबर

Janjgir administration- प्रशासनिक फरमान की उड़ाई जा रही खुलेआम धज्जियां, कार्रवाई नहीं होने से मछुवारों के हौसले बुलंद

जांजगीर चंपाAug 12, 2019 / 04:30 pm

Vasudev Yadav

Janjgir administration- प्रशासनिक फरमान की उड़ाई जा रही खुलेआम धज्जियां, कार्रवाई नहीं होने से मछुवारों के हौसले बुलंद

प्रशासनिक फरमान की उड़ाई जा रही खुलेआम धज्जियां, कार्रवाई नहीं होने से मछुवारों के हौसले बुलंद

जांजगीर-चांपा. बरसात में १५ जून से १६ अगस्त तक मत्स्य आखेट पर लगा प्रतिबंध बेअसर साबित हो रहा है। कुछ मछुवारे जानकारी के अभाव में तो कई लोग कार्रवाई नहीं होने से आदेश का पालन करने में कोताई बरत रहे हैं। गर्भावस्था में मछलियों को मारने पर प्रशासन द्वारा पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है ताकि मछलियों की संख्या में इजाफा हो। बरसात के दिनों में मछली के सेवन से होने वाली बीमारी से लोगों को बचाने के लिए भी इस प्रकार का निर्देश दिया गया है।
Read more : सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में उमड़े भक्त, जलाभिषेक के लिए लगी है लंबी कतार

लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मछुवारे इस फरमान का पालन नहीं कर रहे हैं। गांव में नाले व तालाबों में मछली पकड़ते लोगों को देखा जा सकता है। तालाब ठेकेदारों को भी प्रतिबंधित तिथि तक मत्स्य आखेट करने का अधिकार प्राप्त नहीं है। ऐसा करने पर उनका ठेका निरस्त किया जा सकता है या फिर शिकायत होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। नवागढ़ में राछाभाठा के पुलिया व हसदेव नदी में सुबह से ही मत्स्याआखेट करते देखा जा सकता है। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे इस मछुआरे के हौसले बुलंद है।


जुर्माने का भी है प्रावधान
मत्स्योद्योग अधिनियम १९७२ की धारा ३ की उपधारा २ के तहत प्रदेश सहित जिला के सभी नदी, नालो, छोटे-बड़े जलाशयों में मत्स्याखेट प्रतिबंधित है। इसके उल्लंघन पर एक वर्ष का कारावास अथवा 5 हजार जुर्माना या दोनो एक साथ किए जाने का प्रावधान है। लेकिन इनके द्वारा नियमों को ताक में ऐसा किया जा रहा है।


बाजार में भी मछली की हो रही बिक्री
प्रतिबंध बेअसर होने की वजह से बरसात के दिनों में भी बाजारों में लोकल मछली की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। मार्केट में कहीं भी लोग हरी सब्जियों के बीच में ही मछली बेचना शुरु कर देते हैं। प्रतिबंध लगने के बाद कार्रवाई नहीं होने से यह फरमान बेमतलब का साबित हो रहा है और मछली पकडऩे व बाजार में बेचने का काम जारी है।

Home / Janjgir Champa / प्रशासनिक प्रतिबंध के बाद भी यहां खतरे में है मछलियों की जान, पढि़ए पूरी खबर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो