पत्रिका द्वारा धान खरीदी में भ्रष्टाचार की खबर लगातार चलाई गई। कलक्टर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच कराई। जांच में मामला सही पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
इधर मंगलवार की देर रात एफआईआर दर्ज होते ही पांचों आरोपी फरार हो गए हैं। उनका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बता रहा है। बुधवार की सुबह पुलिस ने उनके ठिकानों में दबिश दी लेकिन वे अंडरग्राउंड हो गए। पुलिस अधिकारियों ने उनकी तलाशी के लिए अलग अलग टीम गठित कर दी है।
ये है मामला
नवागढ़ ब्लाक के तुलसी व किरीत सोसायटी में सरकारी भूमि का फर्जी तौर पर पंजीयन कर दर्जनों लोगों ने 2 करोड़ 51 लाख रुपए के धान की बिक्री कर दी है। पत्रिका ने इसकी पांच दिनों तक सिरीज चलाई। खबर छपने के बाद कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए।
जांच में मामला सही पाए जाने पर कलेक्टर के आदेश का परिपालन करते हुए नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय एवं उनकी टीम नवागढ़ थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई।
खरीदी केंद्र के 2 कंप्यूटर आपरेटर ने बेचा 60 लाख का धान, एक ने तहसीलदार की फर्जी आईडी का किया उपयोग
नवागढ़ टीआई जीएस राजपूत ने आरोपी तुलसी सोसायटी के खरीदी केंद्र प्रभारी अजय कुमार नागेश, यहीं के कंप्यूटर ऑपरेटर (Computer Operator) प्रहलाद कश्यप, किरीत के धान खरीदी प्रभारी गांधी दास महंत एवं कंप्यूटर ऑपरेटर रामनारायण कश्यप के अलावा नवागढ़ तहसील आफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर रामकुमार कुर्रे के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया है।
पांचों आरोपी हुए अंडरग्राउंड
धान खरीदी फर्जीवाड़ा (Fraud in Paddy purchase) मामले में जुर्म दर्ज होते ही सभी पांचों आरोपी फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। ज्ञात हो कि नवागढ़ ब्लाक के कई केंद्रों में करोड़ों के घालमेल की शिकायत मिल रही है। इसकी जांच शुरू हो चुकी है।