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जांजगीर चंपा

यहां होने वाली है पीएम की सभा, जर्मन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से तैयार किया जा रहा चार करोड़ का डोम

तीन राज्य से आए 150 करीगरों द्वारा बनाया जा रहा पंडाल

जांजगीर चंपाSep 15, 2018 / 06:10 pm

Shiv Singh

तीन राज्य से आए 150 करीगरों द्वारा बनाया जा रहा पंडाल

तीन राज्य से आए 150 करीगरों द्वारा बनाया जा रहा पंडाल

जांजगीर-चांपा. जांजगीर में 22 सितंबर को होने वाली मोदी की जंबो सभा का डोम पंडाल भारत की टेक्नालॉजी नहीं बल्कि जर्मनी की है। जर्मनी के टेक्नालॉजी को भारत के लोगों ने नकल किया और दिल्ली चंडीगढ़ और जयपुर के ठेकेदारों द्वारा यह पंडाल लगाया जा रहा है। पुलिस ग्राउंड में पांच डोल पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।
प्रत्येक पंडाल की क्षमता 30 हजार की होगी। यानी पांच पंडाल में डेढ़ लाख लोगों की क्षमता होगी। पूरे पंडाल की लागत तकरीबन चार करोड़ रुपए बताई जा रही है। पंडाल के भीतर कूलर, लाइटिंग सहित अन्य सारी सुविधाएं होगी जो पंडाल के भीतर मौजूद लोगों को चाहिए। पंडाल निर्माण के लिए जयपुर, दिल्ली और चंडीगढ़ के तकरीबन 150 कारीगर पहुंच गए हैं।
उनके द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। स्टील व सिल्वर से बने पंडाल का निर्माण के लिए प्रत्येक पंडालों में 40-40 कारीगर लगे हुए हैं। उनका कहना है कि 20 सितंबर तक हर हाल में पंडाल का निर्माण कर लिया जाएगा। एक पंडाल का निर्माण हो चुका है। वहीं चार अन्य पंडाल के निर्माण के लिए स्टील के खंभे गाड़े जा रहे हैं।
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पंडाल के उपरी हिस्सा दो रंगों का होगा। पहला भगवा तो दूसरा हरे रंग का। वहीं जमीन में बैठने के लिए हरे रंग की कालीन बिछाई जा रही है। पुलिस ग्राउंड के आसपास कारीगरों को अस्थाई पंडाल बनाकर ठहराया गया है। यहां तक कि पंडाल में कारीगरों के लिए अलग से टैंट की व्यवस्था की गई है। जिसमें ठहरकर वे काम कर रहे हैं।


पंडाल की लागत गोपनीय
देश के नेता जनता के पैसे का किस तरह बर्बाद करते हैं इसका जीता जागता उदाहरण डोम पंडाल की लागत को देखकर लगाया जा सकता है। पंडाल निर्माण के लिए रायपुर के ठेकेदार भजन सिंह सरदार को अधिकृत किया गया है। पत्रिका के द्वारा पंडाल के ठेके की राशि भजन सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताने से साफ इनकार कर दिया।

उनका कहना है कि वे प्रशासन से मिले दिशा निर्देशन पर काम कर रहे हैं। पंडाल की लागत के संबंध में अधिकारी द्वारा अधिकृत बयान देने की बात कर रहे हैं। भजन सिंह का कहना है कि यह उनकी छठवां बड़ा कार्य है। अब तक मोदी की जितनी सभा हुई है उन्हें ही पंडाल निर्माण का ठेका मिला है। वहीं पंडाल निर्माण का पूरा काम पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत के निर्देश में हो रहा है।
इसलिए पंडाल की लागत के संबंध में कोई कुछ भी नहीं बोल रहा है। इधर पंडाल निर्माण का कार्य कर रहे कारीगरों का दबी जुबान से कहना है कि एक पंडाल का ठेका लगभग 80 लाख रुपए में होता है। इस हिसाब से पांच पंडाल का ठेका तकरीबन चार करोड़ के आसपास होना संभावित है।


चार जिले के कलेक्टर कर रहे मॉनिटरिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के लिए मॉनिटरिंग का कार्य चार जिले के कलेक्टर कर रहे हैं। जांजगीर चांपा, कोरबा, रायगढ़ के अलावा बिलासपुर जिले के कलेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा पुलिस विभाग के बड़े अफसरों द्वारा भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। अफसरों के आगमन को लेकर पहले से ही पुलिस लाइन के प्रत्येक भवनों का रंग रोगन किया जा रहा है। इसके अलावा शहर के सारे होटलों को अतिथियों के लिए बुक कर दिया गया है। इतना ही नहीं पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत के दिशा निर्देशन में सारा काम हो रहा है।


प्रदेश में मोदी की छठवीं सभा
वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव के बाद 4 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रदेश में छठवीं सभा है। इससे पहले नरेंद्र मोदी दंतेवाड़ा, राज्योत्सव रायपुर, जांगला, डोंगरगढ़ और भिलाई आ चुके हैं। इसके बाद जांजगीर में उनकी छठवीं सभा होगी। हालांकि प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी जांजगीर चांपा जिले में दो बार पहले भी आ चुके हैं। जिसमें वर्ष 2003 के चुनाव में चांपा की चुनावी सभा को संबोधित किए थे। इसके बाद वर्ष 2008 में शिवरीनारायण की सभा को संबोधित किए थे। दोनों बार वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

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