इसके बावजूद वारंटियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। इसकी प्रमुख वजह लगातार अपराध का बढऩा और वारंटियों द्वारा नियमित रूप से कोर्ट कचहरी में नियत समय में उपस्थित नहीं होना बताया जा रहा है। यही वजह है कि वारंटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जिले में वारंटियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। बल्कि ऐसे लोगों की संख्या बढऩे लगी है। बीते विधानसभा चुनाव में जहां २४०० वारंटी थे। वहीं पांच साल बाद ऐसे वारंटियों की संख्या छह सौ बढ़कर ३१०० तब जा पहुंचा है। हालांकि केवल एक माह में ही पुलिस ने ३०० वारंटियों को गिरफ्तार कर कोर्ट की राह दिखाई है। फिर भी जिले के १९ थानों में ३१०० वारंटी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।
यहां बदल गए दो-दो थाना प्रभारी लेकिन लाखों की चोरी का 9 माह बाद भी नहीं मिला कोई सुराग नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के चलते वारंटियों को सलाखों के पीछे पहुंचाना जरूरी हो गया है। एसपी नीतु कमल एवं एएसपी पंकज चंद्रा ने ऐसे लोगों पर नकेल कसने सभी थानों में अभियान छेडऩे का आदेश दिया है। जिले के १९ थानों में अभी भी ३१०० स्थायी वारंटी हैं। वहीं आमद माह में तकरीबन २०० वारंटी सूची में दर्ज की गई है। पुलिस ऐसे लोगों को पकडऩे अब अभियान चलाना शुरू कर दिया है।
पुलिस अब एक सूत्रीय कार्य वारंटियों को पकडऩे का कर रही है। पुलिस ऐसे लोगों के ठिकाने में लगातार दबिश दे रही है, वहीं गांवों में मुखबिरों को भी सक्रिय कर दिया गया है। इसके बावजूद वारंटी पुलिस को चकमा दे रहे हैं। पुलिस के मुताबिक जिले में एक जनवरी से अब तक ऐसे १५५५ वारंटियों को पकड़कर कोर्ट के सुपुर्द किया है। इससे कुछ हद तक आंकड़ों में कमी आई है। नहीं तो आंकड़ा और भी आगे जा सकता था।
-वारंटियों को गिरफ्तार करने के लिए जिले के सभी १९ थानों के पुलिस को अलर्ट किया गया है। रोज दर्जनों वारंटी पकड़े जा रहे हैं। चुनाव के मद्देनजर इनकी संख्या में कमी लाने भरपूर कोशिश की जा रही है। एक जनवरी से ३१ अगस्त तक १५५५ वारंटियों को पकड़कर कोर्ट के सुपुर्द किया गया है – पंकज चंद्रा, एएसपी