बिजली का तार टूटा, बाड़ी में रखे पैरा व छेना में लगी आग, आनन-फानन में बुलाया गया दमकल जानकारी के मुताबिक डीएमएफ फंड से जारी राशि के द्वारा कलेक्टोरेट परिसर को सुरक्षित करने के उद्देश्य से यह बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है। इससे पहले यहां बाउंड्रीवाल की जगह तार फेंसिंग थी। बाउंड्रीवाल के निमार्ण की एजेंसी पीडब्ल्यूडी को बनाया गया है। इसके निर्माण का टेंडर पीडब्ल्यूडी ने बेरोजगार इंजीनियर के तहत लगाया था।
टेंडर पाने की होड़ में इस काम को दो बेरोजगार इंजीनियर ने इतने बिलो रेट में ले लिया कि मानक के मुताबिक कार्य करना मुमकिन ही नहीं था। अब दोनों ठेकेदार अधिक मुनाफा कमाने की लालच में काम को इतना घटिया स्तर का कर रहे हैं कि दूर से ही देखकर लग रहा है कि बाउंड्रीवाल एक बरसात भी नहीं झेल पाएगी।
कलेक्टर की नाक के नीचे ऐसा काम
कलेक्टोरेट परिसर में हो रहे इस घटिया काम को देख कर अब लोग यह कहने लगे हैं कि जब कलेक्टर की नाक के नीचे हो रहा लाखों का काम इतना अमानक स्तर का है तो फिर अन्य कामों का क्या हाल होगा। लोगों का कहना है कि जिले में अरबों रुपए की लागत से अलग-अलग विभाग निर्माण कार्य करा रहे हैं। इन कार्यों के मानक की जिम्मेदारी विभाग प्रमुख सहित कलेक्टर की भी होती है। यदि कलेक्टर परिसर में ही अमानक निर्माण हो रहा है और उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा तो फिर अन्य काम तो भगवान भरोसे ही होंगे।
-बाउंड्री वॉल में बनाए गए कॉलमों में रिपेयरिंग का कार्य हुआ है। मैं इसकी जांच करूंगा और यदि कमी पाई गई तो उन्हें तोड़कर दोबारा से बनवाया जाएगा। काम खराब नहीं होने दिया जाएगा- अमित कश्यप, एसडीओ पीडब्ल्यूडी जांजगीर