जिले का राजीव गांधी शिक्षा मिशन कार्यालय भ्रष्टाचार को लेकर पहले से काफी चर्चित रहा है। वाइस रिकार्ड वायरल होने के बाद तो सारी हदें पार होती दिख रही हैं। यहां जो भी अफसर आता है उसका एकसूत्रीय कार्यक्रम शासकीय राशि का बंदरबाट करना रहता है। हद तो यह हो गई जब यहां के एपीसी ने कलेक्टर तक को नहीं बख्शा और उनके नाम पर ही वसूली कर डाली। उसने अपने मातहत कर्मचारी बलौदा बीआरसी से उनके ज्वाइनिंग में आंशिक त्रुटि को सुधारने के लिए लाखों की मांग कर डाली। बीआरसी यहां हाईकोर्ट से स्टे लेकर उस पद पर कार्यरत हैं। एसपीसी का कहना है कि जिस पद पर बीआसी कार्यरत है उस पद के लिए डीएमसी कार्यालय में आदेश ही नहीं है। यदि पद पर बने रहना है तो कलेक्टर की बात माननी पड़ेगी। ऐसा कहकर एसपीसी डीएल सोनवानी लगातार बीआरसी प्रधान को फोन कर बुला रहे थे कि उसे कलेक्टर ने एक लाख रुपए लेकर बुलाया है। एपीसी ने जब बीआरसी प्रधान पर दबाव बनाना शुरू किया तो उसने उसकी वाइस रिकार्डिंग को वायरल कर दिया। प्रधान का कहना है कि उनकी ज्वानिंग की कापी डीएमसी कार्यालय में एक नहीं दर्जनों बार दी जा चुकी है। यदि आदेश की कापी गुम है तो वह जिम्मेदार नहीं हैं। इधर सोनवानी कलेक्टर के नाम पर एक लाख रुपए की मांग कर उसे आए दिन प्रताडि़त कर रहा था। प्रधान जब इतनी बड़ी रकम नहीं दे सका तो उसने एपीसी की पोल खोलने की ठान ली।
एपीसी ने बताया कलेक्टर के साथ हैं गहरे संबंध
एपीसी सोनवानी प्रधान से यह कहकर लगातार पैसे की मांग कर रहा था कि कलेक्टर के साथ उसके गहरे संबंध हैं। वह कलेक्टर के साथ उनके घर कई बार विशाखापटनम टूर पर जाने की बात भी बताई। जबकि कलेक्टर विशाखापटनम के निवासी ही नहीं है।
कलेक्टर ने लगाई फटकार
गुरुवार को जब कलेक्टर ने यह वाइस रिकार्डिंग सुनी तो वह आग बबूला हो गए। बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने डीईओ जीपी भास्कर व डीएमसी संतोष कश्यप के अलावा शिक्षा विभाग के आला अफसरों को कलेक्टोरेट में तलब किया और जमकर फटकार लगाई। कलेक्टर ने विभागीय अफसरों को साफ चेतवानी दी है कि उनके नाम से इस तरह से रकम उगाही की जा रही है यह बर्दाश्त नहीं होगी। फिलहाल कलेक्टर अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है यह सामने नहीं आया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए के रकम उगाही के मामले में कलेक्टोरेट में हड़कंप मच गया है। इस घटनाक्रम के बाद जिले में यह भी अफवाह है कि कहीं एपीसी सोनवानी सच तो नहीं बोल रहा है। लोगों को अब यह इंतजार है कि कलेक्टर डॉ. भारतीदासन इस पर क्या कार्रवाई करते हैं।
डीएमसी को बताया कौड़ी काम की नहीं
एपीसी सोनवानी ने डीएमसी संतोष कश्यप व एपीसी हरिराम जायसवाल के कौड़ी काम का नहीं करार दिया है। उसने बात चीत में बताया है कि कलेक्टर उनके प्रति तनिक विश्वास नहीं करते हैं। यही वजह है कि कलेक्टर उसपर विश्वास करते हैं और हर फाइल मुझसे ही मंगाकर दफ्तर के काम का निपटारा करते हैं। उसने यहां तक कहा कि डीएमसी कश्यप व एपीसी जायसवाल से फाइल अपडेट नहीं होती और वे मुझसे ही हर काम कराते हैं। कलेक्टर केवल मुझपर विश्वास करते हुए फाइल मुझसे मंगाते हैं।
रकम लेकर मैं जाउंगा
बीआरसी प्रधान इतनी रकम देने के लिए राजी तो हो गया, पर रकम देने के लिए सोनवानी पर विश्वास न करते हुए इतनी बड़ी रकम खुद लेकर कलेक्टर को देने की बात कही, जिससे सोनवानी ने रकम खुद लेकर कलेक्टर को देने की बात कह रहा है। क्योंकि कलेक्टर केवल उन पर ही विश्वास करते हैं। इस दौरान बीआरसी प्रधान एपीसी सोनवानी को यह कहते हुए घुमाता रहा कि उसकी पत्नी अभी बीमार है। जब ठीक हो जाएगी तब मैं रकम लेकर आपके पास आउंगा, लेकिन सोनवानी हर रोज उन्हें फोन पर केवल रकम की ही मांग कर रहा था।