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जांजगीर चंपा

देर रात जांजगीर पहुंचे मजदूरों के लिए रसोइयों ने भोजन बनाने में जताई असमर्थता, तो एसडीएम और तहसीलदार बने कुक

बरसते पानी मे आए मजदूरों लिए रात एक बजे बनाया खाना, सभी को भरपेट भोजन कराया, फिर आश्रय स्थल में की रहने की व्यवस्था, सुबह 4.30 बजे दोनों अधिकारी लौटे अपने घर

जांजगीर चंपाApr 27, 2020 / 01:27 pm

Vasudev Yadav

देर रात जांजगीर पहुंचे मजदूरों के लिए रसोइयों ने भोजन बनाने में जताई असमर्थता, तो एसडीएम और तहसीलदार बने कुक

देर रात जांजगीर पहुंचे मजदूरों के लिए रसोइयों ने भोजन बनाने में जताई असमर्थता, तो एसडीएम और तहसीलदार बने कुक

जांजगीर-चांपा. जिला ग्रीन जोन में है यहाँ एक भी पॉजिटिव मरीन नही मिले हैं। इसके बावजूद कोरोना महामारी से जंग अभी थमा नही है और ना ही प्रशानिक अधिकारियों के फर्ज में कमी आई है। ऐसा ही नजारा बीती रात जांजगीर में देखने को मिला।
रात करीब 12.30 बजे बलौदा बाजार से 22 और रायपुर से 8 मजदूर जांजगीर पहुंचे। इस दौरान बिजली गुल थी और तेज बारिश हो रही थी सभी मजदूर भूखे प्यासे जांजगीर तक पहुंचे थे। इस बात की सूचना जब एसडीएम मेनका प्रधान और तहसीलदार प्रकाश साहू को मिली तब दोनों ने रात करीब एक बजे सभी को जांजगीर के केरा रोड स्थित आश्रय स्थल में पहुंचाया। साथ ही भूखे मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था में लगे।
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इतने लोगों का भोजन बनाने के लिए रात के एक बजे पहले से ही थक चुके रसोईयों ने असमर्थता जाहिर की, जिसके बाद एसडीएम मेनका प्रधान और तहसीलदार प्रकाश चंद साहू ने कुछ लोगों को साथ लेकर रसोइए की भूमिका निभाते हुए खुद ही खाना बनाने भिड़ गए। सभी के लिए भोजन तैयार किया और देर रात उन्हें भोजन कराने के बाद आश्रय स्थल में उनके सुव्यवस्थित रुकने की व्यवस्था की। सारी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के पश्चात सुबह 4.30 बजे यह दोनों अधिकारी अपने घर पहुंचे। जिला प्रशासन के इन दोनों अधिकारियों की भूमिका की सभी मजदूरों ने तारीफ की।

देर रात जांजगीर पहुंचे मजदूरों के लिए रसोइयों ने भोजन बनाने में जताई असमर्थता, तो एसडीएम और तहसीलदार बने कुक

आज मजदूरों की होगा मेडिकल जांच
बीती रात 12 बजे भारी बारिश के दौरान जांजगीर पहुंचे इन सभी मजदूरों को पहली प्राथमिकता भोजन कराने की थी क्योंकि इतनी रात को मेडिकल स्टॅाफ को आश्रय स्थल बुलाना मुमकिन नहीं था, जिसकी वजह से एसडीएम मेनका प्रधान और तहसीलदार प्रकाशन साहू ने पहले इनके भोजन और आवास की व्यवस्था की। खुद को सुरक्षित रखने की भी समस्या इन के सामने थी, लेकिन कर्तव्य का पालन भी जरूरी था। इसकी वजह से इन्होंने पहले मजदूरों के भोजन और आवास की व्यवस्था को प्राथमिकता दी। आज सभी मजूदरों का कराया जाएगा मेडिकल। जिसके बाद उन्हें उनके गंतव्य स्थल के लिए रवाना किया जाएगा।

-देर रात मजदूरों के जांजगीर पहुंचने की सूचना मिलने पर उनके रहने खाने का प्रबंध आवश्यक था, सभी को देर रात भोजन कराने के बाद बालक छात्रावास में ठहराया गया है। आज सभी का मेडिकल कराया जाएगा। मेनका प्रधान एसडीएम जांजगीर
-रात करीब एक बजे सभी के लिए एसडीएम मैडम और मैंने मिलकर भोजन तैयार किया है क्योंकि रसोइए थके हुए थे और इतनी रात भोजन बनाने के लिए सहमत नहीं हो रहे थे। तब हमने मिलकर भोजन तैयार किया और भूखे प्यासे मजदूरों को भोजन कराकर बालक छात्रावास में उनके रुकने की व्यवस्था की। प्रकाश साहू, तहसीलदार जांजगीर
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