२२ स्कूल भवन तोडऩे की स्थिति में : जिले में १८४ स्कूलों की स्थिति जर्जर ही है। वहीं २२ स्कूल भवनों की स्थिति यह है कि इन भवनों में स्कूल संचालित ही नहीं किया जा सकता है। जिले के २२ स्कूल अब पूरी तरह से तोडऩे योग्य हो गए हैं। वहीं शिक्षा विभाग के द्वारा इस वर्ष भी जिले के १८४ स्कूलों की मर मत नहीं करवाई गई है। जिसके कारण १८४ स्कूल के छात्र-छात्राओं को मजबूरी में जर्जर भवनों में अध्ययन अध्यापन करना पड़ेगा। वहीं २२ स्कूल इस नए शैक्षणिक सत्र से उधार के भवन में या फिर अतरिक्त कक्ष में संचालित किए जाएंगे।
प्रस्ताव पर नहीं होता है विचार : जिले के जर्जर स्कुलों की हालात सुधारने के लिए शिक्षा विभाग व जनपद के माध्यम से हर साल स्कूलों की मर मत के लिए जिला कार्यालय को प्रस्ताव भेजा जाना बताया जाता है। पर उन प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जाता हैं। जिसके चलत इन स्कूलों के मर मत के लिए स्वीकृति नहीं मिल पाती है और जर्जर भवन में ही मासूमों को बैठा कर पढऩे की मजबूरी बन जाती है।
& अभी मैं छुट्टी में हूं गांव में इसलिए अभी आप से बात नहीं कर सकता हूं।
बीआर ध्रुव, जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर