दरअसल, मामला जौनपुर के महराजगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जानकारी के अनुसार मंगलवार को महराजगंज क्षेत्र के मितांवा गांव निवासी जगन्नाथ पाल (65) साइकिल चलाकर कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज आए थे। वहीं उनकी पत्नी विमला देवी बाइक से वैक्सीन लगवाने के लिए आई थीं। बताया गया है कि घंटों के इंतजार के बाद जगन्नाथ पाल को वैक्सीन लगी और इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें आधे घंटे तक अस्पताल में ही रहने की सलाह दी। दंपती अस्पताल परिसर में ही बने हनुमान मंदिर के पास पेड़ की छांव में बैठे थे। इस बीच करीब आधे घंटे बाद उन्हें चक्कर महसूस हुआ। इसकी शिकायत चिकित्सक से की गई तो डॉक्टर उनके पास पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
मृतक की पत्नी विमला देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि टीका लगवाने के लिए वह सुबह से ही कतार में खड़े थे। कई घंटों इंतजार के बाद उन्हें टीका लगा था। डॉक्टर के निर्देशानुसार वह आधे घंटे तक अस्पताल परिसर में ही रहे। लेकिन इस बीच उनकी तबियत बिगड़ी और बाद में उनकी मौत हो गई। उधर, मृतक के चचेरे भाई उमानाथ ने बताया कि जगन्नाथ को किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी। वह पूरी तरह से स्वस्थ थे और खुद ही साइकिल चलाकर वैक्सीन लगवाने भी आए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में ले लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मामले में जानकारी देते हुए जौनपुर सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कोविड वैक्सीन का रिएक्शन आधे घंटे के अंदर ही हो जाता है। बुजुर्ग आधे घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में ही थे। इसके बाद वे दर्शन-पूजन करने के लिए भी गए। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पीएम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा।