प्रतापगढ़ से सांसद कुंवर हरिवंश सिंह की बहू व रमेश सिंह की पत्नी नीलम सिंह के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई। ब्लॉक में इसके लिए बैठक आयोजित करने की तिथि 6 नवंबर तय हुई। तिथि घोषित होते ही सरयू देई के पक्ष में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई और एमएलसी बिजेश सिंह प्रिंसू ने हाथ मिला लिया।
इसके बाद बीडीसी सदस्यों को ब्लॉक पर पहुंचने से रोकने की पूरी रणनीति तैयार की गई। पहुंचने के लिए सभी रास्तों पर समर्थकों की भारी भीड़ लगा दी गई। सदस्यों को लेकर वाहन पहुंचा तो उस पर पथराव हो गया। इसके बाद फायरिंग, और अगजनी हुई। इस घटना के बाद मुकदमें दर्ज हुए तो पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगने लगा। दिन भर चली इस उठा-पटक के बाद दोनों पक्षों के समर्थकों में भी तनाव पैदा होने लगा। गांव का गांव दो फाड़ में हो गया। यहां से चली आग जिले भर में फैल गई है। राजनीति के इन दिग्गजों के गुटों तनाव फैलने लगा है। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से तनाव का दायरा बढ़ता जा रहा है। आशंका जातई जा रही है कि चुनाव आते-आते ये तनाव सुलगता रहेगा।
मतदान के दिन तक या नतीजा आने के बाद एक बार फिर टकराव होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। एएसपी सिटी अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि हर संभावना को देखते हुए टीम तैयार है। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।