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बीच सडक़ पर पुलिसवालों ने की पति-पत्नी की पिटाई, शिकायत की तो उन्हीं पर दर्ज कर दिया केस, देखें वीडियो गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग ने बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए जैसे स्नातकस्तर के कोर्स के सिलेबस में बदलाव को लेकर 4-5 जून को भोपाल में बैठक बुलाई थी। फिलहाल कॉलेज में पहले चरण के प्रवेश हो चुके हैं और एक जुलाई से नए सत्र की कक्षाएं भी लगने लगी। इस बीच अब जाकर विद्याथर््िायों को सूचना मिली कि कोर्स में बदलाव हुआ है। शिक्षा सत्र 2019-20 में हुए पाठ्यक्रम में संशोधन का असर बीए, बीएससी, बीकॉम के साथ आधार पाठ्यक्रमों में होगा।
इसलिए कोर्स मेंकिया बदलाव सिलेबस में बदलाव के लिए सभी कॉलेजों के विषय विशेषज्ञ या विभागाध्यक्ष को नया पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया था। इसमें उच्च शिक्षा विभाग ने यह बात साफकर दी थी कि नया पाठ्यक्रम इस तरह बनाया जाए ताकि इससे विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिल सके। अब तक बीए, बीकॉम या बीएससी सहित अन्य कोर्सका जो पाठ्यक्रम था उससे विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में ज्यादा मदद नहीं मिल पाती थी। मजबूरी में विद्यार्थी कॉलेज के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अलग से कोचिंग करते थे। नए कोर्स के बाद विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काफी मदद मिलेगी।
आचार संहिता की वजह से हुई देरी
सिलेबस में बदलाव की प्रक्रिया अप्रैल में होना थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इसमें देरी हुई। सिलेबस को लेकर विशेषज्ञों की कमेटी की बैठक के बाद भी विभाग ने निर्णय लेने में देरी की। वर्तमान में जिले के सभी कॉलेज में पारंपरिक कोर्स चल रहे हैं।
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पति ने प्रेमिका के साथ मिलकर की पिटाई तो पत्नी ने खा लिया जहर,दूसरे दिन पति ने भी दे दी जान 10 फीसदी बदलाव किया गया है- मैं खुद भी केंद्रीय अध्ययन मंडल की बैठक में शामिल हुआ था। सिलेबस में 10 प्रतिशत ही बदलाव किया गया है। इससे विद्यार्थी बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे। धीरे-धीरे सब कुछ रुटीन में आ जाएगा।
डॉ. रवींद्रसिंह, विभागाध्यक्ष, इतिहास, पीजी कॉलेज, झाबुआ इन विषयों के पाठ्यक्रम में हुआ बदलाव- समाज शास्त्र, रसायन शास्त्र, इतिहास, भौतिक शास्त्र, गणित, अंग्रेजी साहित्य, प्राणी शास्त्र, हिंदी साहित्य, भूगोल, राजनीति शास्त्र, लोक प्रशासन, अर्थशास्त्र, सां?ियकी, दर्शन शास्त्र, संस्कृत साहित्य, मैनेजमेंट, जियोलॉजी, वनस्पति शास्त्र, मनोविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, सैन्य विज्ञान, समाज कार्य, उर्दू वाणिज्य, आधार पाठ्यक्रम।
ये आएगी परेशानी नए कोर्स की किताब छपने में वक्त लगेगा। कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर्स को भी नया कोर्स समझने में समय चाहिए। खासकर विजिटिंग फैकल्टी को सबसे ज्यादा मुश्किल आएगी।