– प्रत्यक्ष अवलोकन में 500 अंक। – सेवास्तर प्रगति में 1195 अंक।
– नागरिक प्रतिक्रिया 948.34 अंक। -ये 6 कारण जिनसे हमारी रैंक में हुआ सुधार
1. नगरपालिका की 10 गाडिय़ां डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर रही है। लोग अब घरों का कचरा बाहर नहीं फेंकते। वे गाड़ी आने का इंतजार करते हैं। गीला व सूखा कचरा अलग-अलग डाला जा रहा है।
2. ट्रैचिंग ग्राउंड की हालत बेहद खराब थी। यहां कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया था। यहां मटेरियल रिकवरी सेंटर (एमआरएस) स्थापित किया। जहां सूखे कचरे में से कांच, रबर व अन्य सामान अलग-अलग किया जाता है। वहीं गीले कचरे से खाद बनाने के लिए 6 पीट बनाए गए। इनसे करीब 10 क्विंटल आर्गेनिक खाद तैयार होगी।
3. स्वच्छता को लोगों ने दिनचर्या में अपनाया। आम तौर पर सड़क पर कचरा फेंकने वाले भी अब डस्टबिन ढूंढकर उसमें ही कचरा डालने लगे। यह एक बड़ा बदलाव हुआ है।
4. एक मैसेज पर हो जाती है सफाई। नगरपालिका के स्वच्छता निरीक्षक कमलेश जायसवाल ने स्वच्छता ही सेवा है के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। जिसमें सभी 18 वार्ड के पार्षदों के साथ ही उस वार्ड के प्रबुद्धजनों को जोड़ा गया है। अपने क्षेत्र में यदि साफ-सफाई नहीं हो रही है तो व्हाट्सऐप ग्रुप पर लोग फोटो डाल रहे हैं। 10 मिनट में नगरपालिका की टीम वहां पहुंच जाती है।
5. रात में भी सफाई कार्य शुरू किया। 140 सफाईकर्मियों की टीम इसमें जुटी रहती है। जिससे शहर की सड़कें साफ-सुथरी नजर आने लगी।
6 . 10 सार्वजनिक शौचालय का रिनोवशन कर उन्हें एक दम नया बना दिया। उन पर आकर्षक पेंटिंग की गई। लोगों से भी अपील की गई कि वे स्वच्छता में सहयोग प्रदान करें। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।