गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से दान दिया। रात तक दान पुण्य का सिलसिला चलता रहा। महिला वर्ग में विशेष उत्साह रहा। इस दिन घरों में तिल खाकर दिन की शुरुआत हुई। तिल का विशेष महत्व होने के कारण इस दिन किसी ने तील का उबटन लगाकर तो किसी ने जल में तिल डालकर स्नान किया। तिल से बनी मिठाई खिलाई। मंदिरों, गोशालाओं, परिजनों को उपयोगी वस्तुएं दान दे कर धर्मलाभ लेने की होड़ रही। बुधवार के दिन भी लोग परिवार सहित छतों पर नजर आए। छतों पर ही खाने-पीने की व्यवस्था की गई। देर शाम तक युवाओं के बीच पतंगबाजी एवं गिल्ली डंडे के मुकाबले चलते रहे। छतों पर हुल्लड़ मचाते युवा डीजे की धुन पर थिरकते रहे। बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। छोटे बच्चे सड़कों पर हाथों में पतंग लिए दौड़ते दिखाई दिए।