scriptझालावाड़ में धूमधाम मनाया दीपोउत्सव , गांवों ढाणियों में गोवर्धनपूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा पर्व , कल मनाया जाएगा भाई दूज का त्यौहार | Diposhatsav: Celebration of dhapootsav celebrated in Jhalawar, celebra | Patrika News
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झालावाड़ में धूमधाम मनाया दीपोउत्सव , गांवों ढाणियों में गोवर्धनपूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा पर्व , कल मनाया जाएगा भाई दूज का त्यौहार

कल मनाया जाएगा भाई दूज का त्यौहार

झालावाड़Nov 08, 2018 / 04:03 pm

jagdish paraliya

दीपोउत्सव : झालावाड़ में धूमधाम मनाया दीपोउत्सव , गांवों ढाणियों में गोवर्धनपूजा समेत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा पर्व , कल मनाया जाएगा भाई दूज का त्यौहार

Diposhatsav: Celebration of dhapootsav celebrated in Jhalawar, celebra


झालरापाटन- द्वारिकाधीश मंदिर में लक्ष्मी पूजन के बाद गुरुवार को जगह जगह गोवर्धन पूजन हुई देवस्थान विभाग के तत्वावधान में द्वारिकाधीश मंदिर में आयोजित आयोजित गोवर्धन पूजन में भाग लेने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े मंगला दर्शन श्रृंगार व राजभोग दर्शन के पश्चात सुबह 11:00 बजे से घोड़ा चौक में गाय के गोबर गोबर से गोवर्धन गोवर्धन जी का प्रतिरूप बनाने के बाद भगवान द्वारिकाधीश वह बालस्वरूप नवनीत प्रिया जी की प्रतिमा की चौक में पद्मावती कर परंपरागत तरीके से श्रद्धालुओं ने कई प्रकार के ऋतु फल माखन मिश्री वह नैवेद्य चढ़ाकर ढोल नगाड़े शहनाई वादन आतिशबाजी वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन की करीब 1 घंटे चली गोवर्धन पूजन के दर्शन के लिए श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते रहे विभाग की ओर से सुख समृद्धि की प्रति केसर में रंगे ओ पढ़ने में लड्डू रखकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया गोवर्धन पूजन दर्शन के लिए झालरापाटन में झालावाड़ के अलावा जिले के दूर-दूर गांव व कस्बों तक से लोग यहां पर आए

झालावाड़ के बकानी कस्बे सुबह से ही घर घर के सामने गोंवर्धन पूजन का आयोजन किया गया। दोपहर गोविन्द गौशाला में सामुहिक गोवर्धन पूजन का आयोजन किया गया। सब से पहले महिलाओं ने गाय के गौबर से गोवधर्न भगवान की प्रतिमा बनाई जिसको आकृषक फुलो से सजाया गया जिसके विधी विधान के साथ मंगल गीत गाते हुवे पूर्जा अर्चना कर परिवार में सुख समृद्वि की कामना की। आतरी के बाद गौवधन जी की परिक्रमा भी की गई। ग्रामीण अचलों में मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर गाय के गौबर से गोवधर्न भगवान बनाये जाते हैं जिससे की घरों से निकले वाले मवेशीयों पैरों से इस में रख के निकलते हैं वही पैर जब खेतों तक जाते है तो खेतों में अच्छी फसल होती है। वही गौवधर्न पूजा के बाद गांव में भेस, बकारी, सहित अन्य मेवशीयों की पूजा की जाती है।
भीमसागर (झालावाड़). कस्बे में महिलाओं ने गाय के गौबर से गोवधर्न भगवान की प्रतिमा बनाई जिसको आकृषक फुलो से सजाया गया जिसके विधी विधान के साथ मंगल गीत गाते हुवे पूर्जा अर्चना कर परिवार में सुख समृद्वि की कामना की। आतरी के बाद गौवधन जी की परिक्रमा भी की गई। ग्रामीण अचलों में मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर गाय के गौबर से गोवधर्न भगवान बनाये जाते हैं जिससे की घरों से निकले वाले मवेशीयों पैरों से इस में रख के निकलते हैं वही पैर जब खेतों तक जाते है तो खेतों में अच्छी फसल होती है। वही गौवधर्न पूजा के बाद गांव में भेस, बकारी, सहित अन्य मेवशीयों की पूजा की जाती है।
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