script350 राशन की दुकानों पर गेहूं का वितरण ठप आवंटन के बाद भी नहीं दे रहे गेहूं | Distribution of wheat at 350 ration shops Wheat not even after allocat | Patrika News
झालावाड़

350 राशन की दुकानों पर गेहूं का वितरण ठप आवंटन के बाद भी नहीं दे रहे गेहूं

सरकार के गृह जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते खाद्य सुरक्षा प्राप्त परिवारों के लिए राशन की दुकानों से उपभोक्ता पखवाड़े में गेहूं लेना

झालावाड़Jan 16, 2018 / 12:19 pm

Ration Shops

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झालावाड़. सरकार के गृह जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते खाद्य सुरक्षा प्राप्त परिवारों के लिए राशन की दुकानों से उपभोक्ता पखवाड़े में गेहूं लेना चुनौती बना हुआ है। राशन वितरण के लिए खाद्य विभाग ने १० से २४ तारीख तक उपभोक्ता पखवाड़ा घोषित कर रखा है। लेकिन यहां राशन वितरण का फैसला डीलर अपनी मनमर्जी से करते है।
इतनी दुकानों पर पहुंचा-
ऐसा भी नहीं कि गेहूं का आवंटन इन राशन की दुकानों पर नहीं हुआ हो। खाद्य विभाग के आंकड़ों को सही मानें तो ६२७ राशन की दुकानों में से करीब ६०० दुकानों पर गेहूं पहुंच चुका है। इसके बावजूद ३५० राशन की दुकानों पर उपभोक्ता पखवाड़े के पांच दिन बाद रविवार दोपहर एक बजे तक वितरण ठप पड़ा था। ऐसा नहीं कि रसद विभाग को इसकी जानकारी नहीं। क्योंकि ऑनलाइन वितरण में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले की मात्र १८ राशन की दुकानों पर गेहूं नहीं पहुंचा है। ऐसे में २ लाख ५० हजार में से करीब १ लाख परिवार राशन के लिए पिछले पांच दिन से चक्कर काट रहे है। इधर राशन की दुकानों पर आवंटन होने के बाद भी ताला लटका हुआ है।
जिम्मेदार देखें यहां है वितरण ठप-
अकलेरा ग्रामीण में ७१ राशन की दुकानों में से ४५ पर, बकानी ग्रामीण में ५० में से ४० पर, भवानीमण्डी ग्रामीण की ५९ दुकानों में से २० पर, डग ग्रामीण की ७२ दुकानों में से ३४ पर, झालरापाटन ग्रामीण में ६० दुकानों में से ३८ पर, खानपुर ग्रामीण में ७४ दुकानों में से ६० पर, मनोहरथाना ग्रामीण में ५६ में से ५० राशन की दुकानों पर, पिड़ावा ग्रामीण में ८३ दुकानों में से ५३ पर वितरण शुरू नहीं हुआ। वहीं शहरी इलाकों की ९३ दुकानों में से ४० पर वितरण ठप पड़ा है।
जानबूझकर देरी से वितरण-
राशन डीलर जानबूझकर राशन वितरण समय पर शुरू नहीं कर पाते है। इसके चलते उपभोक्ता चक्कर काट कर थक जाते है। इसके बाद अगले माह दो माह की सामग्री अंगूठा निकाल कर निकाल लेते है। जबकि ऐसे मामलों में जानकारी के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पाती।
निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति –
रसद विभाग के पास २ प्रवर्तन निरीक्षक व प्रवर्तन अधिकारी होने के बाद वितरण की मॉनीटरिंग सहीं नहीं होने के कारण हर पखवाड़े में उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है। समय पर वितरण शुरू नहीं करने पर भी कोई अधिकारी देखने वाला नहीं है। इसके चलते इन राशन डीलरों के हौंसले बुलंद है।
यह कहना है अधिकारी का-
राशन की अधिकांश दुकानों पर आवंटन के बाद भी वितरण शुरू नहीं हुआ है। इसके लिए २४ तारीक के बाद इन डीलरों का गेहूं अपने आप लैप्स हो जाएगा।
विनोद कुमार, प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग
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